पीपली लाइव एक काल्पनिक कहानी है दो भाइयों की, जो किसान हैं। फिल्म की शुरुआत में कर्ज न चुकाने की वजह से वे अपनी जमीन खोने वाले हैं। इसी दौरान उन्हें पता चलता है एक सरकारी योजना के बारे में, जो कहती है कि जो किसान कर्जे की वजह से आत्महत्या करता है, उसके परिवार को एक लाख रुपये दिये जाएंगे। यह सुन कर बड़ा भाई छोटे भाई को मनाता है कि वह आत्महत्या कर ले ताकि परिवार को एक लाख रुपये मिल जाएं। बड़ा भाई थोड़ा तेज है। छोटा भोला है, तो उस वक्त तो वह मान जाता है। उस समय इन दोनों को बिल्कुल अंदाजा नहीं है कि जो कदम वे उठाने जा रहे हैं, उससे उस गांव में क्या होने वाला है। यह फिल्म एक मजाकिया नजर है, हमारी सोसायटी पर, हमारे समाज पर, हमारे एस्टैबलिशमेंट पर, मीडिया या सिविल सोसायटी पर… यह मजाकिया नजर है हम सब पर… जिसमें एक चीज कहां से शुरू होती है और कहां तक पहुंचती है। हालांकि यह एक मजाकिया नजर है… यह फिल्म कुछ अहम चीज बता रही है… हमारे समाज के बारे में… हमारे देश के बारे में… आमिर खान मोहल्ला पर पिछले दिनों फिल्मों में आ रहे किरदारों और विषयों पर लंबी बहस चली। यह फिल्म सुकून देती है