पिछले कुछ वर्षों में इस विभाजन को सपष्ट देखा जा सकता है!हमारा देश बहुत तेजी से बदल रहा है...लेकिन इसके दोनों चेहरे बहुत साफ़ साफ़ देखे जा सकते है!.पहला तो वह आधुनिक इंडिया है..जिसमे आसमान छूती इमारते है,साफ़ सड़कें और बिजली से जगमगाते शहर है..!सड़क पर दौड़ती महँगी गाडियाँ विदेश का सा भ्रम पैदा करती है!यहाँ लोग सूट बूट पहने शिक्षित है जो आम बोलचाल में भी अंग्रेज़ी बोलते है...!बड़े बड़े होटल ,माल और .मल्टी प्लेक्स किसी सपने जैसे लगते है..!यहाँ के लोग इंडियन कहलवाना पसंद करते है...!ये हमारे देश का आधुनिक रूप है जो एक सीमित क्षेत्र में दिखाई .देता है...!और इस चका चौंध से दूर कहीं एक भारत बसा है जो अभी भी मूलभूत समस्याओं से जूझ रहा है..!यहाँ अभी सड़कें,होटल मॉल नहीं है..बिजली भी कभी कभार आती है...!यहाँ के लोग सीधे सादे है जो बहुत ज्यादा शिक्षित नहीं है,इसलिए इन्हे अपने अधिकारों के लिए अक्सर लड़ना पड़ता है..!इस भारत और इंडिया को देख कर भी अनदेखा करने वाले नेता है जो हमेशा अपना हित साधते रहते है !लेकिन अफ़सोस इस बात का है की हमारी ७० %आबादी गाँवों में रहती है लेकिन इन भारत वासियों के लिए न फिल्में ब