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Showing posts from December 3, 2008

सबको पता था कि हमला होगा

मुंबई में आतंकी हमले की पूर्व आशंका नहीं बल्कि जानकारी थी. हम यहां ऐसे कुछ बयान दे रहे हैं जो हमारे देश के महत्वपूर्ण मंत्रालयों का जिम्मा संभालने वाले मंत्रियों ने समय-समय पर दिये थे. इन बयानों से साफ है कि मुंबई पर बड़े आतंकी हमले की जानकारी सबको थी. इतनी सटीक जानकारी होने के बावजूद हमारे प्रशासन ने कार्यवाही क्यों नहीं की? आतंकवाद की बलिवेदी पर बकरों की कुर्बानी शुरू हो गयी है. यूपीए की गॉडमदर को पहली भेंट गृहराज्यमंत्री शिवराज पाटिल के राजनीतिक वध से दी गयी. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के भी विकेट उखड़ गये हैं. सुनाई दे रहा है कि गॉडमदर के सामने मनमोहन सिंह, प्रणव मुखर्जी और रक्षामंत्री ए के एंटनी ने भी अपनी कुर्बानी देने का प्रस्ताव रखा था. जो भी हो रहा है उसमें एक सवाल हम लोगों के लिए उभरता है कि इस गलाकाट प्रतियोगिता से हासिल क्या होगा? शिवराज पाटिल की बजाय चिदंबरम गृहमंत्री हो गये तो क्या अब इस देश पर आतंकी हमले नहीं होंगे? क्या हम मान लें कि अब हमारे सुरक्षा तंत्र और खुफिया तंत्र के बीच बेहतर तालमेल हो जाएगा? सबसे पहले देश के सुरक्षा सलाहकार को ही देखते हैं. इं