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Showing posts from April 27, 2010

गिलास भर पानी से ही नहाना होगा!

आपके पास एक गिलास पानी हो तो आप क्या करेंगे? नहाएंगे या पीएंगे? आपको एक विकल्प चुनना पड़ेगा। यह कल्पना नहीं, भविष्य का कड़वा सच है। अब पानी का महासंकट है। यदि हम इसे नहीं समझे तो पंद्रह सालों में आज के मुकाबले पानी आधा ही मिलेगा और 40 साल बाद तो स्थिति और भी विकट होगी। भारत में 15 फीसदी भूजल स्रोत सूखने की स्थिति में हैं। दुनिया में सबसे ज्यादा करीब 20 लाख ट्यूबवेल भारत में ही हैं जो लगातार जमीन का सीना फाड़कर पानी खींच रहे हैं। ऐसे में वर्ल्ड बैंक के इस आकलन पर कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि अगले 25 सालों में भूजल के 60 फीसदी स्रोत खतरनाक स्थिति में पहुंच जाएंगे। यह स्थिति भारत के लिए इसलिए भी दयनीय होगी, क्योंकि हमारी 70 फीसदी मांग भूजल के स्रोतों से ही पूरी होती है। तब न फसल उगाने के लिए पानी होगा, न कल-कारखानों में सामान बनाने के लिए। कृषि और उद्योग धंधे तो बर्बाद होंगे ही, हमारी एक बड़ी आबादी पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस जाएगी। यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर यह संकट क्यों आया? जल विशेषज्ञ राजेंद्र सिंह कहते हैं कि कुछ साल पहले किसी ने यह कल्पना भी नहीं की थी कि हमारे भू

लो क सं घ र्ष !: मायावती का सी0बी0आई0 पर दोहरा मापदण्ड अपनाने का आरोप

उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती जी हैं, जो अपने को दलित की बेटी कहते हुए नहीं थकतीं, हैं भी वह दलित की बेटी; लेकिन खुद वह दलित नहीं हैं बल्कि अब उनकी गिनती अतिविशिष्ट गणों में होती है। अगड़ा, पिछड़ा दलित, यह है सामाजिक बंटवारा और इसी सामाजिक बंटवारा को समाप्त करने के लिए संविधान में पिछड़ों और दलितों के आरक्षण की व्यवस्था की गई हैं, वह अलग है कि पिछड़ों में या दलितों में किसको दिया, किसको नहीं दिया। इसको लेकर देश कई बार जलते-जलते बचा है और आज भी देश का एक हिस्सा राजस्थान आग की लपेट में है। मायावती जी ने राजनीति में रहकर कितना धन कमाया या अन्य किसी नेता ने राजनीति से कितना लाभ उठाया इसकी जानकारी देश के अधिकांश नागरिकों को है, चाहे वह हार के द्वारा हो या उपहार के द्वारा या फिर स्थानान्तरण और नियुक्ति के उद्योग के द्वारा। लाभ तो हर राजनेता उठाता है अगर मायावती जी ने उठाया तो बुरा क्या? ज्ञात सूत्रों से अतिरिक्त धन रखने के मामले में सी0बी0आई0 विवेचना कर रही है, मायावती जी के खिलाफ, जिसे न्यायालय में चुनौती दी गई है। चुनौती देते हुए मायावती जी द्वारा कहा गया है