ये समझने का वक्त आ गया है कि हर समाज के केंद्र में इसकी राजनीति होती है. अगर राजनीति घटिया दर्जे की होगी तो सामाजिक हालात के बढ़िया होने की उम्मीद करना बेमानी है. रोहिंटन मालू को जिस वक्त गोली लगी उस वक्त वे वही कर रहे थे जो उन्हें जिंदगी में सबसे ज्यादा प्रिय था - बढ़िया खाने का लुत्फ उठाना और नये-नये विचार सुझाना. रोहिंटन, ओबेरॉय-ट्राइडेंट के कंधार रेस्टोरेंट में मौजूद उन 17 लोगों में से थे जिन्हें बंदूक की नोक पर सीढ़ियों पर इकट्ठा होने को कहा गया था. ऊपरी तौर पर तो आतंकवादी ये दिखा रहे थे कि वे इन लोगों को बंधक बनाने जा रहे हैं मगर उनका असल इरादा सौदेबाजी का था ही नहीं. उनके एक हाथ में एके-47 थी और दूसरे में मोबाइल फोन. आधुनिकता और मध्यकालीन कट्टरता के इस विरोधाभास का प्रदर्शन करते उन हत्यारों ने अपने आकाओं से पूछा, ‘उड़ा दें?’ सिर्फ मौत के आंकड़ों से सरोकार रखने वाले उनके आका उधर से बोले, ‘उड़ा दो.’ रोहिंटन को सात गोलियां लगीं. और जब उनकी लाश बरामद हुई तो उसकी हालत ऐसी थी कि उन्हें सिर्फ उनकी उंगली में मौजूद अंगूठी से ही पहचाना जा सकता था. 48 साल का ये शख्स अपने पीछे छोड़ गया दो क