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Showing posts from January 3, 2009

जाग स्वयं में लीन कुलीन

ये समझने का वक्त आ गया है कि हर समाज के केंद्र में इसकी राजनीति होती है. अगर राजनीति घटिया दर्जे की होगी तो सामाजिक हालात के बढ़िया होने की उम्मीद करना बेमानी है. रोहिंटन मालू को जिस वक्त गोली लगी उस वक्त वे वही कर रहे थे जो उन्हें जिंदगी में सबसे ज्यादा प्रिय था - बढ़िया खाने का लुत्फ उठाना और नये-नये विचार सुझाना. रोहिंटन, ओबेरॉय-ट्राइडेंट के कंधार रेस्टोरेंट में मौजूद उन 17 लोगों में से थे जिन्हें बंदूक की नोक पर सीढ़ियों पर इकट्ठा होने को कहा गया था. ऊपरी तौर पर तो आतंकवादी ये दिखा रहे थे कि वे इन लोगों को बंधक बनाने जा रहे हैं मगर उनका असल इरादा सौदेबाजी का था ही नहीं. उनके एक हाथ में एके-47 थी और दूसरे में मोबाइल फोन. आधुनिकता और मध्यकालीन कट्टरता के इस विरोधाभास का प्रदर्शन करते उन हत्यारों ने अपने आकाओं से पूछा, ‘उड़ा दें?’ सिर्फ मौत के आंकड़ों से सरोकार रखने वाले उनके आका उधर से बोले, ‘उड़ा दो.’ रोहिंटन को सात गोलियां लगीं. और जब उनकी लाश बरामद हुई तो उसकी हालत ऐसी थी कि उन्हें सिर्फ उनकी उंगली में मौजूद अंगूठी से ही पहचाना जा सकता था. 48 साल का ये शख्स अपने पीछे छोड़ गया दो क

यही तो जीवन है....!!!!

............जीवन तो संघर्षों की आंच में पक-कर ही निखरता है....उसमें एक गहराई भी तभी आती है...उसी गहराई से आदमी,आदमी कहलाने लायक बनता है.. और जिनका नाम लेकर आपने लिखा है....वो नाम भी पैदा होता है.....असल में संघर्ष किए हुए व्यक्ति के प्रति हमारे दिल में सम्मान की एक अतिरिक्त भावना होती है....जो उसके संघर्ष को हमारा सलाम होती है....बेशक हम ख़ुद कोई काम,कोई संघर्ष करें या ना करें....मगर एक संघर्ष किए हुए तपे हुए....और साथ ही जो ईमानदार भी हो,व्यक्ति से डरतें भी हैं.....(ध्यान रहे मैं यहाँ बेशर्म किस्म के स्वार्थी लोगों की बात नहीं कर रहा....)हमारी पहचान दरअसल हमारा कर्म ही तो होते हैं....अकर्मन्यों को तो समाज सिरे से ही नकार देता है....तो हम देखते हैं कि आदमी का आदमी की देह के रूप में जन्म लेना ही काफ़ी नहीं होता,वरन उसे अपने-आप को साबित भी करना होता है...ये साबित करना ही तपने की शुरुआत होती है....और जीवन जब तलक तोड़ देने का हद तक संघर्ष पैदा करता है....आदमी उन परिस्थितियों से जूझ कर.....उनको हरा कर ख़ुद को साबित करता है....भाई मेरे यही तो जीवन है..... ....भाई मेरे यही तो जीवन है..... और क