जब रावण का वध हुआ था॥ तब रुक गए थे हवा के वेग॥ राम मय में सब राम थे॥ चटक हुआ था प्रभु का तेज़॥ देवता गणफूलो की वर्षा ॥ आकाश लोक से कर रहे थे॥ जय जय विजय मिली है... सच्चे जन सब कह रहे थे॥ विजय मिली थी राम चन्द्र को॥ हम विजय दशमी मनाते है॥ प्रभु की माहानता को॥ जन जन हम गाते है॥ हम विजय दशमी मनाते है...