एक गधे ने सोचा क्यों ना घोड़ा बन कर सब को बेवकूफ बनाऊ। बस फिर क्या था उसने अपना रूप घोडे जैसा बना लिया और दुनिया के सामने प्रकट हो गया। यहाँ उसे खूब प्रतिसाद मिला। वो भूल गया कि वो एक गधा है। उसका मान-सम्मान होने लगा। एक दिन उसे घुड़दौड़ का आमंत्रण प्राप्त हुआ, इस घुड़दौड़ में उसे वरीयता दी गई।जब घुड़दौड़ प्रारम्भ हुई और उसकी पोल खुली तो सब उसे गालिया देने लगे। उसने सोचा उसकी क्या गलती है? उसने जो चाहा वो किया। गधा तो वो था ही, किन्तु जो उसे घोडा मान बैठे वो क्या है?जी हां , चुनाव फिर आया है, बहुत बकवास कर ली हमने। फलाना नेता बेकार है, फलां ऐसा है, वैसा है। बहुत बोल लिए। आखिर अब तक हम ही तो उन्हें सत्ताभोग दे रहे थे। गलती हमारी, और हम नेताओ को दोष दे? सोचिये गधा कौन है? घुड़दौड़ शुरू होने वाली है, पता भी चल गया है गधे का.... अब सही घोडे कि तलाश करे।