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Showing posts from June 12, 2009

क्रय कर ली अभिलाषाएं...

मधु के ग्राहक बहुत मिले , क्रय कर ली अभिलाषाएं। अब मोल चुका कर रोती कुचली अतृप्त आशाएं ॥ अव्यक्त कथा कुछ ऐसी, आँचल में सोई रहती। हसने की अभिलाषा में, आंसू में भीगी रहती ॥ मेरे दृगमबू सुमनों पर, तुहिन कणों से बिखरे है स्नेहिल सपनो के रंग में, पोषित होकर संवरे है ॥ -डॉक्टर यशवीर सिंह चंदेल ''राही''

दूसरे धर्म की 'बहु' मंजूर है, 'दामाद' नहीं

सलीम अख्तर सिद्दीकी सदियों से यह कहा जाता है कि जोड़ियां स्वर्ग में बनती हैं। लेकिन हकीकत में देखने में आ रहा है कि जोड़ियां समाज और धर्म के ठेकेदार तय करते हैं। कम से कम पश्चिमी यूपी में तो यही हो रहा है। यदि किसी ने समाज और धर्म को अनदेखा करके जोड़ी बनाने की कोशिश की तो उस जोड़ी को अपनी जान खुद गंवानी पड़ी है अथवा समाज और धर्म के ठेकेदारों ने ली है। सहारनपुर जिले के देवबन्द की दीपिका और जिया-उल-हक के बीच प्रेम हो गया। वो ये जानते थे कि घरवाले शादी की रजामंदी नहीं देंगे इसलिए दोनों ने घर से भागकर शादी कर ली। जैसा कि होता है। दीपिका के घर वालों ने जिया के खिलाफ बेटी को अगवा करने की रिपोर्ट दर्ज करा दी। लड़के ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में निकाहनामा दिखाकर अपहरण के मामले में गिरफ्तारी पर रोक लग वाली। हाईकोर्ट ने 20 दिन के अन्दर सहारनपुर कोर्ट को दीपिका के बयान लेने के लिए कहा। 5 जून को सहारनपुर की कोर्ट में दीपिका जांनिसार नाम के वकील के चैम्बर में पहुंची। उसके पहुंचने की खबर कोर्ट के उन वकीलों को गयी, जो संघ परिवार से ताल्लुक रखते थे। वकीलों ने सहारनपुर के हिन्दूवादी संगठनों को खबर कर दी। वकीलों औ

ईरान में राष्ट्रपति पद के लिए मतदान शुरू

ईरान में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए मतदान का काम अब से कुछ देर पहले शुरू हो चुका है. इस चुनाव में कट्टरवादी माने जाने वाले वर्तमान राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद और सुधारवादी नेता मीर हुसैन मुसावी के बीच मुख्य मुक़ाबला होने की संभावना जताई जा रही है. ईरान की काउंसिल ने चुनाव में चार लोगों के नाम को अंतिम सहमति दी थी. बाक़ी के दो नाम मोहसिन रेज़ाई और मेहदी करूबी के हैं. क़रीब साढ़े छह करोड़ की जनसंख्या वाले ईरान में शुक्रवार को हो रहे मतदान पर दुनियाभर के देशों की नज़र है. सबको यह जिज्ञासा है कि ईरान में सत्ता का ऊंट किस करवट बैठेगा. क्या सुधारवादी नेता को लोग मौक़ा देंगे या अहमदीनेजाद अपना दौर दोहराएंगे. ख़ासकर पश्चिम के देशों की ईरान के चुनाव में इसलिए भी दिलचस्पी बढ़ गई है क्योंकि उनका अनुभव अहमदीनेजाद के साथ अच्छा नहीं रहा है और शीर्ष बदलाव के बिना उन्हें ईरान के तेवरों में बदलाव की उम्मीद भी कम है. युवा हैं निर्णायक इस बार के चुनाव में 18 साल से अधिक की आयु वाले मतदाताओं की संख्या क़रीब चार करोड़ 60 लाख है. कुल मतदाताओं में से क़रीब 80 लाख मतदाताओं का जन्म 1979 में हुई क्रांति के ब