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Showing posts from July 27, 2009

एक दिन जाना पड़े राम जी की नगरी॥

एक दिन जाना पड़े राम जी की नगरी॥ एक दिन जाना पड़े राम जी की नगरी॥ खली हाथ रैहोबाबा छोट जाए गठरी ॥ एक दिन जाना पड़े राम जी की नगरी॥ धरम कइला ॥ करम कइला॥ पुष्य कइला ॥ पाप कइला ॥ घर्म की किवाड़ा से बंद होए कोठरी ॥ एक दिन जाना पड़े राम जी की नगरी॥ बनाय दिया ॥ बिगाड़ लिया॥ कह दिया ॥ कहवाय liyaa .. अखिया से धोधुर होए॥ छूट जाए मुदरी... एक दिन जाना पड़े राम जी की नगरी॥ एक दिन जाना पड़े राम जी की नगरी॥ खली हाथ रैहोबाबा छोट जाए गठरी ॥ एक दिन जाना पड़े राम जी की नगरी॥ धरम कइला ॥ करम कइला॥ पुष्य कइला ॥ पाप कइला ॥ घर्म की किवाड़ा से बंद होए कोठरी ॥ एक दिन जाना पड़े राम जी की नगरी॥ बनाय दिया ॥ बिगाड़ लिया॥ कह दिया ॥ कहवाय liyaa .. पूजा कइला ॥ पाद कइला दान कइला ॥ पुष्य कइला जाते समय छूट जाए॥ माया वाली गठरी॥ एक दिन जाना पड़े राम जी की नगरी॥

दतिकिर्रा..

दात्किर्रा से जान ऊब गा॥ धमा चौकडी म न रहबे॥ देहिया का परुष ख़तम होत बा॥ बेतवा के गारी हम न सहबय दिन भे खेत माँ हल्ला बोली॥ पतिया वाली तराई म भूख के मारे सिकुड़ गे आती॥ अब तीन बजे हम खाई का॥ बेतवा पतोह के आशा म॥ कौनव दिन तड़प तड़प के मरबे॥ देहिया का परुष ख़तम होत बा॥ बेतवा के गारी हम सहबय संझ्लौका जब घर का आयी॥ तब पडिया चिल्लाय॥ जाय नदी म पानी पिलाई॥ सानी दी तव खाय॥ मिले रात म जूठा खाना॥ य्हके साथी कैसे रहबे॥ देहिया का परुष ख़तम होत बा॥ बेतवा के गारी हम n सहबय॥ जीवन कई कुछ कठिन बी रास्ता॥ सारा जीवन फोकट म काटे॥ जब बीमार होय गदेलन॥ इनके खातिर रतिया म जागे॥ उही परिक्ष्रम के फल आते॥ yeh budhaape ma inkay kaa karbay.. देहिया का परुष ख़तम होत बा॥ बेतवा के गारी हम सहबय

" 500 रु " ,५ " मिनिट में 5 "जी बी " वेब स्पेस में स्वयम बनाये वेब साईट [[ बिलकुल फ्री फ्री ]]

आप सोच रहे होगे की मै मजाक कर रहा हु , बिलकुल नहीं मेरी ऐसी आदत ही नहीं है बहुत परेशन होते है हम सभी एक वेब साईट बनाए या बनवाने के लिए अब ऐसा नहीं होगा जी हा बिलकुल ठीक कह रहा हु आप खुद ही देख लीजिये बस ५०० रु , ५ मिनिट में ५ जी बी वेब स्पेस में बनाये वेब साईट [[ बिलकुल फ्री फ्री ]] वो भी स्वयम से अगर आप डोमिन नाम के लिए ५०० रु भी खर्च नहीं करना चाहते है तो भी आप फ्री में भी सब कुछ बना सकते है देखिये इसे और जल्दी से वेब में घरोंदा बना के अपने विचारो या अपने व्यसाय के लिए साईट या नेट में स्थान तैयार कर लीजिये जिसके लिए आपको किसी के चक्कर काटने या फोन करने की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी अब आप सोच रहे होगे की मै आपको परेशन कर रहा हु काम की बात तो बता नहीं रहा हु चलिए देखिये इसे ये है http://www.officelive.com/en-us/ http://smallbusiness.officelive.com/en-US/ http://office.microsoft.com/en-029/officelive/FX102375691033.aspx http://cg4bhadas.web.officelive.com देख लिया अब इसके आगे के फीचर में देखिये इसमे आपको बहुत कुछ मिलेगा जिसमे ई मेल बनाने से लेकर डोमिन के उपायों भी दिए

हमको भी याद आती है॥बीती हुयी जवानी॥

हमने भी छुपा राखी है ॥ उसकी दी हुयी निशानी॥ हमको भी याद आती है॥ बीती हुयी जवानी॥ सुंदर स्वरूप था॥ सादगी में ढल गई थी॥ उसकी मुस्कराते॥ मेरी नीव बन गई थी॥ होती थी बात जब जब॥ कर जाती थी नादानी॥ ..................... आती थी पास जब जब॥ सरमाता था जमाना॥ हस्ता था दिल हमारा॥ मई प्रेम गीत गाता॥ उसकी सुरमई आँखे॥ बताती थी मेरी कहानी॥ हमको भी याद आती है॥ बीती हुयी जवानी॥