Skip to main content

Posts

Showing posts from September 15, 2016

शहाबुद्दीन ने जिस पिता के बेटों को तेजाब में जलाकर मारा उस पिता की दर्द भरी कहानी.

सीवान शहर में मेरी दो दुकानें थीं. एक किराने की और दूसरी परचून की. समृद्ध और संपन्न न भी कहें तो कम से कम खाने-पीने की कमाई तो होती ही थी. मैं छह संतानों का पिता था. चार बेटे, दो बेटियां. मैं उस दिन किसी काम से पटना गया हुआ था. अपने भाई के पास रुका हुआ था. मेरे भाई पटना में रिजर्व बैंक में अधिकारी थे. सीवान शहर में मेरी दोनों दुकानें खुली हुई थीं. एक पर सतीश बैठता था, दूसरे पर गिरीश. मेरे पटना जाने के पहले मुझसे दो लाख रुपये की रंगदारी मांगी जा चुकी थी. उस रोज किराने की दुकान पर डालडे से लदी हुई गाड़ी आई हुई थी. दुकान पर 2.5 लाख रुपये जुटाकर रखे थे. रंगदारी मांगने वाले फिर पहुंचे. दुकान पर सतीश था. सतीश ने कहा कि खर्चा-पानी के लिए 30-40 हजार देना हो तो दे देंगे, दो लाख रुपये कहां से देंगे. रंगदारी वसूलने आए लोग ज्यादा थे. उनके हाथों में हथियार थे. उन लोगों ने सतीश के साथ मारपीट शुरू की, गद्दी में रखे हुए 2.5 लाख रुपये ले लिए. राजीव यह सब देख रहा था. वह घर में गया. आम लोगों के पास घर में कौन सा हथियार होता है , बाथरूम साफ करने वाला तेजाब रखा हुआ था. मग में उड़ेलकर लाया, भाई को गुंडों