एक पत्रकार की मोत से उपजे कुछ सवाल जनसत्ता के १३ अगस्त वाले अंक में गोरखपुर से एक खबर छपी थी !मामला था वही के एक पत्रकार कृष्ण कुमार की इलाज के अभाव में मो़त का -'' जनसत्ता के अनुसार कृष्ण कुमार कुल ४६ वर्ष के थे !गत २० सालो से वह प्रिंट मीडिया से जुड़े थे !गीता प्रेस गोरखपुर से अपना पत्रिकारिता जीवन प्रारम्भ करने वाले कृष्ण कुमार रास्ट्रीय सहारा सहित कई अखबारों से जुड़े थे !वे दैनिक आज में रिपोर्टर थे !वह गुर्दे की वीमारी से ग्रस्त थे आऊर उनका एक गुर्दा प्रत्यारोपित किया गया था !वह भी यह टीबी संभव हो पाया जब तीन लाख रुपए गोरखपुर प्रेस क्लब व तीन लाख रुपए तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने दिया था !उसके बाद इस खर्चीले इलाज में उनके जीवन भर की कमाई व पुस्तैनी ज़मीं भी स्वाहा हो गयी !फिर भी उनका स्वास्थ्य नहीं सुधरा डाक्टरों के मुताबिक उनके इलाज के लिए हर माह ५ हज़ार रुपए की जरूरत थी !जिसका इंतजाम न हो पाने के कारण उनके परिवार वाले जब उन्हें लखनऊ से घर वापस ला रहे थे की रास्ते में उनकी दर्द नाक मो़त हो गयी ! यह संक्षिप्त विवरण कई सन्देश देता है '' की समाचारपत्र उधोग म