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Showing posts from July 12, 2009

मीडिया में लड़की होने के मायने

अभिषेक उपाध्याय सीनियर स्पेशल कोरसपोंडेंट ibn7 आरक्षण के पीछे हमेशा यही तर्क दिया जाता है कि इसके जरिए ऐतिहासिक भूलों या गलतियों को सही करने की कोशिश की जा रही है। यानी जो गलतियां इतिहास की प्रक्रिया में एक वर्ग विशेष या जाति विशेष के साथ जाने अनजाने हुई हैं, उसकी क्षतिपूर्ति के लिए आरक्षण मुहैया कराया जा रहा है। हमारे देश में जाति के नाम पर तो आरक्षण मिला हुआ है, मगर वर्ग के नाम पर स्त्रियां अभी भी आरक्षण से वंचित हैं। ऐसे में कभी-कभी लगता है कि मीडिया इस वर्ग के लिए एक वरदान सरीखा है। यहां औरतों के साथ हुई तमाम ऐतिहासिक भूलों व कमियों को सुधारने की पुरजोर कोशिश की जाती है। आपको मीडिया में आगे बढ़ना है तो उसके लिए जरूरी है एक प्लेटफॉर्म। एक बार ये प्लेटफॉर्म मिल जाए फिर ये आपके ऊपर होता है कि आप उसके सहारे कितनी ऊंची छलांग लगा पाते हैं। किसी भी लड़की को जो कि प्रतिभाशाली है या फिर उनती नहीं भी है, मीडिया में इस प्लेटफार्म के दरवाजे हमेशा खुले हैं। वो जब चाहे यहां कदम रख सकती है, इसके बाद तो ये उसके ऊपर है कि वो कितनी ऊंची छलांग लगा पाती है। शायद इसके पीछे की वजह यह है कि मीडिया में ल