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Showing posts from March 15, 2010

हाइकु गजल : संजीव 'सलिल'

आया वसंत, / इन्द्रधनुषी हुए / दिशा-दिगंत.. शोभा अनंत / हुए मोहित, सुर / मानव संत.. * प्रीत के गीत / गुनगुनाती धूप / बनालो मीत. जलाते दिए / एक-दूजे के लिए / कामिनी-कंत.. * पीताभी पर्ण / संभावित जननी / जैसे विवर्ण.. हो हरियाली / मिलेगी खुशहाली / होगे श्रीमंत.. * चूमता कली / मधुकर गुंजार / लजाती लली.. सूरज हुआ / उषा पर निसार / लाली अनंत.. * प्रीत की रीत / जानकार न जाने / नीत-अनीत. क्यों कन्यादान? / 'सलिल' वरदान / दें एकदंत.. **********************

लो क सं घ र्ष !: जन प्रतिनिधियों की शैक्षिक आर्हता व चरित्र का सत्यापन जरूरी हो

उ0 प्र0 पंचायत चुनावों में इस बार प्रधान बनने के लिए शैक्षिक योग्यता अनिवार्य कर दी गई है। अब हाईस्कूल फेल व्यक्ति प्रधानी की कुर्सी पर नहीं पहुंच सकेंगे। देर से सही परन्तु सही दिशा में बढ़ाया गया यह एक अच्छा कदम कहा जायेगा यही काम अगर विधान सभा, विधान परिषद, लोक सभा, राज्य सभा, में भी कर दिया जाए तो कम से कम इन पदों पर जाहिल दिमाग न बैठ सकेंगे और कुछ तो गरिमा इन पदों की वापस लौटेंगी। उ0प्र0 में पंचायत के चुनावों में प्रधान के पद पर अब वही व्यक्ति अपनी उम्मीदवारी का दावा कर सकेंगे जो कम से कम हाईस्कूल पास हो। इस फैसले से भले ही अंगूठा टेक प्रधानों को अघात लगा हो कि अब वह प्रधान न बन सकेंगे परन्तु इसके परिणाम अच्छे आयेंगे। लोकतंत्र की सबसे निचली इकाई ग्राम पंचायत होती है और पंचायती राज अधिनियम के द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने ग्रामीण स्तर पर स्थित ग्राम पंचायतों को विकास के लिए केन्द्र से भेजे जाने वाले धन का उपयोग करने का जिम्मेदार बताया था। उसके बाद से प्रधानी के चुनाव की अहमियत काफी बढ़ गई है और जो चुनाव बगैर धन खर्चा किए पहले हो जाया करता था वह अब लाखों रूपये में होने लगा ह