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Showing posts from November 21, 2009

लो क सं घ र्ष !: इन्साफ की खातिर

उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन व ( मंत्री पद प्राप्त ) वरिष्ट अधिवक्ता पूर्व एडवोकेट ज़नरल श्री एस . एम काजमी ने एस . टी . एफ द्वारा खालिद मुजाहिद को 16 दिसम्बर 2007 को मडियाहूँ , जिला जौनपुर से पकड़ कर २२ दिसम्बर 2007 को बाराबंकी रेलवे स्टेशन पर आर . डी . एक्स व ड़िकोनेटर की बरामदगी दिखाकर जेल भेज दिया था , के मामले में अपने पद की परवाह न करते हुए दिनांक 20 नवम्बर 2009 लो माननीय उच्च न्यायलय इलहाबाद खंडपीठ लखनऊ में खालिद मुजाहिद की तरफ़ से जमानत प्रार्थना पत्र पर बहस की । आज की दौर में पद पाने के लिए लोग सब कुछ करने के लिए तैयार रहते हैं । वहीं श्री काजमी उत्तर प्रदेश के न्यायिक इतिहास में ( जहाँ तक मुझे ज्ञात है ) पहली बार सरकार के ग़लत कार्यो के विरोध करने के लिए किसी मंत्री पद प्राप्त व्यक्ति ने किसी अभियुक्त की तरफ़ से वकालत की हो । ज्ञातव्य है कि एस . टी . एफ पुलिस के अधिकारियो ने कचहरी सीरियल बम ब्लास्ट ( लखनऊ , फैजाबाद , वा

खटमल की विरादरी..

हुआ यूं की हम अपने बड़े पिता जी के साथ अपने चचेरे भाई की ससुराल गए थे। भैस लाने गए थे ,जी की दहेज़ में मिली थी। वहा पहुचने पर स्वागत सत्कार हुआ। बैठे बैठे हम और बडके पापा बातें कर रहे थे। लगा की जैसे कुछ काट रहा हो। तो हमने पापा से बोला लगता है, हमें कुछ काट रहा है, तो बडके पापा ने टार्च जला के देखा तो बोले बेटे यहाँ तो सोना मुशिकल है क्यो की खटिया में बहुत ही खटमल है । और सावन का महीना था बादल छाए थे। हमने बोला मैतो यही सोऊ गा क्यो की बार बार उठने से नींद ख़राब होगी। बेटा देखना नींद ही नही आएगी खटमल जाति बड़े सवादी होते है। अभी देखना कैसे इनकी मंडली जुटती है। ये अपने आस पास के सभी खटमलो को नेवता भेज दिए होगे। आज रात में आ जाना नए नए लोग आए है फलाने के यहाँ । मै उंकी बातो को सुन कर हँसाने लगा तब तक खाना खाने के लिए बुलावा आया हम लोग खाना खाने चले गए। खाना खाने के बाद हम और बडके पापा पेशाब करने के लिए बाहर गए की बदके पापा ने टार्च जलाया तो बोल पड़े इधर देख बेटा जब मै बता रहा था तो तू हंस रहा था । अब अपनी आँख से देख ले मै देखा तो अचम्भे में पड़ गया की वास्तव में खटमल की विरादरी क्या होती