एक मदरसा जहां जन्नत का सा नजारा हे जी हाँ दोस्तों एक मदरसा जिसका नाम आते ही लोग नाक और भोंव सिकोड़ने लगते हें वोह सोचते हें टूटी फूटी बिल्डिंग पुराने खयालात के लोग , टूटी फूटी कुर्सियां और फटी किताबें जहां हे वही मदरसा हे , मदरसे के लियें सोचा जाता हे के यहाँ शिक्षा के नाम पर केवल लूट केवल राष्ट्र द्रोहिता और कट्टर पंथी सिखाई जाती हे लेकिन बोहरा समाज के धर्म गुरु आदरणीय सय्यदना बुरहानुद्दीन साहब के निर्देशों पर गुजरात के सुरत में एक ऐसा नायाब मदरसा हे जो शायद भारत में तो क्या एशिया में बलके पुरे विश्व में अपनी तरह का एक अनूठा मदरसा हे इस मदरसे का नाम महाद अल जाहरा रखा गया हे । कोटा के बोहरा समाज से जुड़े कई लोग और यहाँ के मुस्लिमों में भाईचारे का जो रिश्ता हे उसी रिश्ते के तहत इस जन्नत के नजारे को दिखाने के लियें बोहरा समाज से जुड़े आदरणीय अकबर भाई ,अब्बास भाई, मंसूर भाई , सफदर भाई ,अब्बास अली सहित समाज से जुड़े लोगों ने मुस्लिम भाइयों से पेशकश की पहले तो सभी लोगों ने सोचा कोई क्यूँ वक्त अपना बर्बाद करे न जाने कहां जायेंगे फिर सोचा के कुरान हिफ्ज़ करने का आधुनिक म