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Showing posts from May 5, 2011

दिल के जज्बातों को मुश्किल है दबाये जाना

हमने चाहा था कि न कहें उनसे,     पर बिन कहे ये मन न माना.          हमने लाख छुपाना चाहा दिल के जज्बातों को,                 हो गया मुश्किल उन्हें दिल में दबाये जाना. वो आये सामने मेरे कहा मन में जो भी आया, न कुछ मेरा ख्याल किया न ही दुनिया से छिपाया.           उनकी बातों के असर को मैंने अब है जाना,             दिल के जज्बातों को मुश्किल है दबाये जाना. उनकी चाहत थी हमें मन के ख्यालात बताएं,  हमारी समझ के घेरे में कुछ देर से आये.             अब तो आगे बढ़ने में लगेगा एक ज़माना,             दिल के जज्बातों को मुश्किल है दबाये जाना.                                            शालिनी कौशिक  http://shalinikaushik2.blogspot.com