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Showing posts from August 15, 2010

स्वाधीनता दिवस पर विशेष रचना: गीत भारत माँ को नमन करें.... संजीव 'सलिल'

स्वाधीनता दिवस पर विशेष रचना: गीत भारत माँ को नमन करें.... संजीव 'सलिल' * * आओ, हम सब एक साथ मिल भारत माँ को नमन करें. ध्वजा तिरंगी मिल फहराएँ इस धरती को चमन करें..... * नेह नर्मदा अवगाहन कर राष्ट्र-देव का आवाहन कर बलिदानी फागुन पावन कर अरमानी सावन भावन कर  राग-द्वेष को दूर हटायें एक-नेक बन, अमन करें. आओ, हम सब एक साथ मिल भारत माँ को नमन करें...... * अंतर में अब रहे न अंतर एक्य कथा लिख दे मन्वन्तर श्रम-ताबीज़, लगन का मन्तर भेद मिटाने मारें मंतर सद्भावों की करें साधना सारे जग को स्वजन करें. आओ, हम सब एक साथ मिल भारत माँ को नमन करें...... * काम करें निष्काम भाव से श्रृद्धा-निष्ठा, प्रेम-चाव से रुके न पग अवसर अभाव से बैर-द्वेष तज दें स्वभाव से 'जन-गण-मन' गा नभ गुंजा दें निर्मल पर्यावरण करें. आओ, हम सब एक साथ मिल भारत माँ को नमन करें...... * जल-रक्षण कर पुण्य कमायें पौध लगायें, वृक्ष बचायें नदियाँ-झरने गान सुनायें पंछी कलरव कर इठलायें भवन-सेतु-पथ सुदृढ़ बनाकर सबसे आगे वतन करें. आओ, हम सब एक साथ मिल भारत माँ को

मिट्टी का रंग ही है भारत का रंग

प्रसून जोशी, प्रसिद्ध गीतकार हर शख्स की जिंदगी का विस्तार ही उसका देश है। कोई एक विचार नहीं है। हर व्यक्ति देश को अपने तरीके से परिभाषित करता है। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जो देश था, उसमें विभाजन बिलकुल साफ था। लेकिन आज आजादी के ६३ सालों के बाद भी बहुत से लोगों के लिए देश की परिभाषा बहुत नहीं बदली है।   हजारों सालों में हमने जो सभ्यता ईजाद की है, बेशक उसमें बहुत सारे रंग हैं, इतनी विविधता है कि किसी एक रंग से आज के हिंदुस्तान के नक्शे को भरा नहीं जा सकता। इस विविधता को देखने की भी कई नजर हो सकती है। एक नजर इतने रंगों में इंद्रधनुष का सौंदर्य देख सकती है, लेकिन एक नजर यह भी हो सकती है, जो देख पाए कि ये सारे रंग आपस में उस तरह घुले-मिले नहीं हैं, जैसा किताबों में लिखा जाता है। आज के भारत में जो साथ होकर भी साथ नहीं हैं, वे सब अपने ही हैं और अपनों के बीच विभाजन की लंबी खाई है। ग्लोबलाइजेशन और पूंजीवाद का समर्थन करने वालों का तर्क है कि पूंजीवाद एक तालाब की तरह है, जिसमें फेंके गए हर पत्थर का प्रभाव तालाब के आखिरी सिरे तक होता है। बेशक जहां पत्थर फेंका गया है, वहां लहरें ज्यादा