कहानी प्यार की तुमको सुनाना चाहता हूँ तेरे घर को इन हाथों से सजाना चाहता हूँ मेरी किस्मत में शायद तू नही है फिर भी सजनी मैं वादे सब वफाओं के निभाना चाहता हूँ खुशी मुझसे गुरेज़ा है मगर फिर भी मेरी जान खिजा के रुत में भी गुलशन खिलाना चाहता हूँ ज़रा सी देर को समझो मेरी जान मैं तेरा हूँ दिल को इस हँसी धोके में लाना चाहता हूँ सितम है मुझसे सब चीन गया लेकिन मैं अब भी तुमाहरे खवाब आँखों में बसाना चाहता हूँ मेरी साड़ी तमन्नाएं बेकार जायेगी लेकिन मोहब्बत सिर्फ़ तुमसे है बताना चाहता हूँ