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Showing posts from June 20, 2011

श्रीखण्ड यात्रा 2011

श्रीखण्ड सेवा दल और स्थानीय प्रशासन ने वर्ष 2011 में श्रीखण्ड यात्रा की तिथि की घोषणा कर दी है। सभी शिव भक्तजनों को यह जानकर हार्दिक प्रसन्नता होगी कि हर साल की भांति इस वर्ष भी 16वीं बार श्रीखण्ड महादेव कैलाश यात्रा 15 जुलाई 2011 (श्रावण संक्रांति) से शुरू होने जा रही है और श्रीखण्ड सेवादल के तत्वावधान में यह यात्रा 23 जुलाई 2011 तक चलेगी। इस अवधि में 15 से 22 जुलाई तक श्रीखण्ड सेवादल द्वारा सिंहगाड से प्रतिदिन प्रातः 5 बजे यात्रा के लिए विधिवत जत्था रवाना किया जाएगा।   यह स्थान समुद्रतल से लगभग 18000 फुट( 5155 मीटर)  की ऊंचाई पर है जिस कारण यहां मौसम ठण्डा रहता है। अतः यात्रियों से अनुरोध है कि अपने साथ, गर्म कपड़े, कम्बल, छाता, बरसाती व टार्च साथ लाएं। इस यात्रा की पवित्रता को ध्यान में रखते हुए किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थ व प्लास्टिक के लिफाफे साथ न लाएं। यात्रियों से निवेदन है कि पूर्ण रूप से स्वस्थ होने पर ही इस यात्रा में भाग लें। श्रीखण्ड सेवादल कोई सरकारी सहायता प्राप्त संस्था नहीं है, सारा आयोजन सदस्यों के सहयोग से किया जाता है। आप रामपुर बुशहर (शिमला से 130 किलोमीटर) से 

अन्ना अब अनशन नहीं करें

श्रवण गर्ग अन्ना को चाहिए कि वे जंतर-मंतर के आभामंडल से बाहर निकल आएं और अपनी सिविल सोसायटी का रुख देश की तरफ मोड़ दें। अन्ना हजारे को समझाया जाना चाहिए, उन्हें मनाया जाना चाहिए और जरूरत पड़े तो उनके सामने सामूहिक अनशन किया जाना चाहिए कि वे लोकपाल की स्थापना के मुद्दे पर दोबारा अनशन पर नहीं बैठें। अपने पहले अनशन के जरिए अन्ना सिविल सोसायटी आंदोलन के लिए सरकार से जितना कुछ वसूल सकते थे, वह अब आकार ले रहा है। दोबारा अनशन पर बैठकर अन्ना सरकार से या तो कुछ प्राप्त ही नहीं कर पाएंगे और अगर कर लिया तो भी व्यवस्था पर निहित स्वार्थो का इतना मजबूत शिकंजा है कि वे समूचे सिविल सोसायटी आंदोलन को स्वामी निगमानंद बना देंगे। दूसरे यह भी कि लोकपाल की स्थापना की मांग को लेकर अन्ना अनशन पर नहीं बैठना चाहेंगे तो उनके समर्थक अथवा देश की जनता उनका गला पकड़कर उन्हें ऐसा करने के लिए बाध्य नहीं करेगी। देश को अभी अन्ना जैसे नेतृत्व की सशरीर उपस्थिति की खासी जरूरत है। लंबे-लंबे अनशन कर सकने वाले आराधकों की तो एक बड़ी फौज देश में मौजूद है, पर जिनकी उपस्थिति सरकारों की भूख हवा कर सके, ऐसे लोग बस उंगलियों प