हास्य कुण्डली: साली महिमा संजीव 'सलिल' * साली जी गुणवान हैं, जीजा जी हैं फैन.. साली जी रस-खान हैं, जीजा सिर्फ कुनैन.. जीजा सिर्फ कुनैन, फ़िदा हैं जीजी जी पर. सुबह-शाम करते सलाम उनको जी-जी कर.. बीबी जी पायी हैं मधु-रस की प्याली जी. बोनस में स्नेह लुटाती हैं साली जी. * साली की महिमा बड़ी, कभी न भूलें आप. हरि के पहले कीजिये साली जी का जाप.. साली जी का जाप करें उपवासे रहकर. बीबी रहे प्रसन्न, भाव-सलिला में बहकर.. सुने प्रार्थना बीबी, दस दिश हो खुशहाली.. सुने वंदना जिस जीजा से प्रतिदिन साली. * जिसकी साली हो नहीं, उसका चैन हराम. नीरस हो जीवन सकल, बिगड़ें सारे काम.. बिगड़ें सारे काम, रहें गृह लक्ष्मी गुमसुम. बिन संज्ञा के सर्वनाम नाकारा हो तुम. कहे 'सलिल' साली-वंदन से किस्मत चमकी. उसका गृह हो स्वर्ग, खूब हो साली जिसकी.. *******