भजन: सुन लो विनय गजानन मोरी संजीव 'सलिल' जय गणेश विघ्नेश उमासुत, ऋद्धि-सिद्धि के नाथ. हर बाधा हर शुभ करें, विनत नवाऊँ माथ.. * सुन लो विनय गजानन मोरी सुन लो विनय गजानन. करो कृपा हो देश हमारा सुरभित नंदन कानन.... * करो कृपा आया हूँ देवा, स्वीकारो शत वंदन. भावों की अंजलि अर्पित है, श्रृद्धा-निष्ठा चंदन.. जनवाणी-हिंदी जगवाणी हो, वर दो मनभावन. करो कृपा हो देश हमारा सुरभित नंदन कानन.... * नेह नर्मदा में अवगाहन, कर हम भारतवासी. सफल साधन कर पायें,वर दो हे घट-घटवासी! भारत माता का हर घर हो, शिवसुत! तीरथ पावन. करो कृपा हो देश हमारा सुरभित नंदन कानन.... * प्रकृति-पुत्र बनकर हम मानव, सबकी खुशी मनायें. पर्यावरण प्रदूषण हरकर, भू पर स्वर्ग बसायें. रहे 'सलिल' के मन में प्रभुवर श्री गणेश तव आसन. करो कृपा हो देश हमारा सुरभित नंदन कानन.... *