महकती सी जिंदगी की किताब पर.......... गुनगुनाते सुरों के इस साज़ पर ........ एक गीत गा रही है जिंदगी ! कुछ खास सुना रही है जिंदगी ! सुबह का सूरज यहाँ पर चढ़ रहा ! चाँद की रौशनी को मद्धम कर रहा ! रात अपने आप को समेट कर ! सुबह के स्वागत मै जेसे लग रहा ! किसी के मिलन की बेला आ रही ! किसी को विरह जेसे बुला रही ! एक क्षण जिंदगी जेसे हंसा रही ! एक क्षण जिंदगी जेसे रुला रही ! रोज़ फूल कर रही श्रृंगार है ! रोज़ धुल उसको नहला रहा ! रोज़ ...