कोलकाताः 5 जूनः आज सम्पूर्ण क्रांति दिवस पर लोकनायक जयप्रकाश नारायण को मेरी श्रद्धांजलि। इस अवसर पर मेरी लगभग 30 साल पहले बनायी गयी पेंटिंग आपकी नज़र है। यह हलांकि अब खस्ता हाल है और शायद कुछ दिनों या कुछ माह की मेहमान। एक मामूली से कागज़ पर जलरंगों व पेस्टल कलर से मैंने इसे बनाया था। इसका आकार 8 x14 इंच होगा। मैं उस समय 12 वीं कक्षा में पढ़ता होऊंगा। मैंने उन दिनों श्री आरके गोहिल से पेंटिंग की कुछ बारिकियां सीखीं थी जिन्होंने जेजे स्कूल आफ फाइन आर्ट्स से डिग्री या डिप्लोमा लिया था। उसके बाद तो चित्रकार भाऊ समर्थ को मानस गुरु बनाया और कभी-कभार उनके यहां नागपुर जाकर उनसे मिला और अपनी जिज्ञासाएं शांत करता रहा। काफी अरसे बाद जब कोलकाता आना हुआ तो मेरी पीएचडी की शोध निर्देशिका डॉ.इलारानी सिंह (अब स्वर्गीय) ने यहां के विख्यात चित्रकार गणेश पाइन से मिलवाया। फिर क्या था विभूति केबिन चायखाने में उनकी टेबिल के आसपास में अक्सर नज़र आने लगा जहां वे अपने कुछ और दोस्तों के साथ अक्सर बैठते थे और उन दिनों सभी कलाओं में उत्तर आधुनिकता पर सोच विचार कर रहे थे और उसकी दिशा प्रशस्त करने में लगे थे। उनके