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Showing posts from September 20, 2010

मत उठाओ राम का शोर, अब पेट भरा है

मेरे अंदर का पत्रकार जन्म ले रहा था और देश में चार धाराएं एक साथ ऐसी चल रही थीं। अयोध्या का आंदोलन उफान पर था। चारों दिशाओं में राम के नाम की गूंज थी। मेरे घर में मेरा छोटा भाई मेरे खिलाफ खड़ा था। यूनिवर्सिटी में दोस्त झगड़ा कर रहा था कि मुझे क्या पता पिछड़ी जाति का होने का दर्द क्या होता है? राजीव गोस्वामी जैसे लड़के अपने बदन में आग लगा रहे थे। मंडल की वजह से करीबी एक-दूसरे पर शक करने लगे थे। और कश्मीरियों को लगने लगा था कि हिंदुस्तान के साथ उनकी किस्मत नहीं जुड़ी रह सकती, आजाद होना ही बेहतर है। और एक दिन अचानक पता चला कि सरकार को सोना गिरवी रखना पड़ेगा। इस बीच चुनाव सिर पर आन पड़े और राजीव गांधी तमिल आतंकवाद का शिकार हो गए। प्रधानमंत्री के बनने के लिए नेताओं की खोज हुई और रिटायर्ड नरसिंम्हा राव में कांग्रेस को अपना और देश का भविष्य नजर आया। राम मंदिर के नारे तेज होते गए और कैलेंडर की एक तारीख 6 दिसंबर 1992 को मस्जिद को ढहा दिया गया। आज फिर 24 सितंबर पर सबकी नजर है, जब अयोध्या मसले पर अदालत का फैसला आएगा। जिन्होंने 1992 देखा है उनका दिल हलकान है और जो आर्थिक सुधार की पैदावार हैं वो क

अखबार (वालों) की सुपारी!

. . .पुलिस के हत्थे चढ़े सुपारी किलर ने खुलासा किया कि उसे हिंदी के एक जाने-माने अखबार के बिजनेस-पार्टनर को जान से मारने का काम सौंपा गया है...इस लोकप्रिय अखबार के मालिकों में जंग छिड़ी हुई थी... लेकिन ये लड़ाई सुपारी किलिंग तक पहुंच जाएगी, इस बात का किसी को जरा भी इल्म नहीं था... हाल ही में देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी. सीबीआई ने दिल्ली में कंपनी लॉ बोर्ड के एक सदस्य को घूस लेते रंगे हाथ धर-दबोचा। सीबीआई ने बाकायदा इसके लिए एक प्रेस रिलीज भी जारी की। लेकिन प्रेस रिलीज में ना तो इस बात का खुलासा किया गया कि कंपनी लॉ बोर्ड के इन महानुभाव को क्यों गिरफ्तार किया गया है और ना ही ये बताया गया कि वे किस कंपनी के झगड़े का निबटारा करने के लिए ये घूस की रकम हड़पना चाहते थे। ये खबर ना तो शायद किसी टी.वी चैनल में चली और ना ही शायद किसी अखबार में। अगर खबर आई भी तो इतनी कि “कंपनी लॉ बोर्ड का सदस्य घूस लेते गिरफ्तार”। लेकिन मीडिया में ये बात साफ हो चुकी थी कि ये कौन से कंपनी थी। बताया जा रहा है कि ये कंपनी कोई ऐसी-वैसी नहीं थी—उत्तरी भारत के सबसे लोकप्रिय माने जाने वाला अखबार, अमर उजाला । अखबार के