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Showing posts from January 19, 2010

डॉ.अभिज्ञात को अम्बेडकर उत्कृष्ट पत्रकारिता सम्मान

कोलकाताः रविवार की देर रात तक उपनगर टीटागढ़ में आयोजित एक भव्य समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए अम्बेडकर सम्मान प्रदान किये गये। डॉ.अभिज्ञात को उत्कृष्ट पत्रकारिता सम्मान आरके एचआईवी एड्स रिसर्च एंड केयर सेंटर के चेयरमैन डॉ.धर्मेन्द्र कुमार ने प्रदान किया। आगे पढ़ें कोलकाताः रविवार की देर रात तक उपनगर टीटागढ़ में आयोजित एक भव्य समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए अम्बेडकर सम्मान प्रदान किये गये। डॉ.अभिज्ञात को उत्कृष्ट पत्रकारिता सम्मान आरके एचआईवी एड्स रिसर्च एंड केयर सेंटर के चेयरमैन डॉ.धर्मेन्द्र कुमार ने प्रदान किया। दो दशकों से पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत डॉ.अभिज्ञात ने जनसत्ता में पत्रकारिता का ककहरा सीखा। अमर उजाला, वेबदुनिया डाट काम, दैनिक जागरण के बाद वे सम्प्रति सन्मार्ग में वरिष्ठ उप-सम्पादक हैं। वे साहित्य में भी सक्रिय हैं और छह कविता संग्रह तथा दो उपन्यास प्रकाशित हुए हैं। साहित्य के क्षेत्र में योगदान के लिए उन्हें पांच पुरस्कार-सम्मान मिले हैं। यह समारोह उपनगर टीटागढ़ में आयोजित था। महिलाओं के विकास में योगदान के लि

मुक्तिका: खुशबू --संजीव 'सलिल'

मुक्तिका खुशबू संजीव 'सलिल' कहीं है प्यार की खुशबू, कहीं तकरार की खुशबू.. कभी इंकार की खुशबू, कभी इकरार की खुशबू.. सभी खुशबू के दीवाने हुए, पीछे रहूँ क्यों मैं? मुझे तो भा रही है यार के दीदार की खुशबू.. सभी कहते न लेकिन चाहता मैं ठीक हो जाऊँ. उन्हें अच्छी लगे है दिल के इस बीमार की खुशबू. तितलियाँ फूल पर झूमीं, भ्रमर यह देखकर बोला. कभी मुझको भी लेने दो दिले-गुलज़ार की खुशबू. 'सलिल' थम-रुक न झुक-चुक, हौसला रख हार को ले जीत. रहे हर गीत में मन-मीत के सिंगार की खुशबू.. ****************

लो क सं घ र्ष !: गरीबो, किसानो के मसीहा व धर्मनिरपेक्षता के सिपाही को लाल सलाम

image source: people's democracy कामरेड ज्योति बसु एक गंभीर प्रवृत्ति सदा जीवन और बयानबाजी या नारों के स्थान पर सदा कार्य को प्रधानता देने वाले राज़नीतज्ञ थे। उन्होंने बंगाल को नक्सल समस्या से निदान देने के लिए पंचायत राज व्यवस्था कानून का क्रियान्वित पारदर्शी ढंग से करा कर गरीब किसानो को मूल भूत सुविधाएं देकर हथियार के स्थान पर उन्हें हल पकड़ने की तरफ आकर्षित कराया और उन्हें पार्टी का कैडर भी बनाया। साथ ही पश्चिम बंगाल में धर्मनिरपेक्षता का एक अभेद किला उन्होंने बना कर तैयार कर दिया जहाँ स्वतंत्रता के पश्चात अनेको सांप्रदायिक दंगे होते रहे थे। जिस समय विश्व में कम्युनिस्ट सरकारों का पतन हो रहा था और साम्यवादी सत्ता सोवियत यूनियन की ईंट से ईंट, लोकतंत्र की लुभावनी दुनिया दिखा कर पूंजीवादी राष्ट्रों ने मिल कर बजा दी थी उस समय पश्चिम बंगाल में लाल झंडा मजबूती से गडा हुआ था। कांग्रेस से लेकर भाजपा ने अनेको हमले लाल झंडे को पश्चिम बंगाल के उखाड़ देने के लिए किये परन्तु ज्योति बसु के लौह व्यक्तित्व से टकरा कर सारी शक्तियां चूर-चूर हो गयीं। देश के सबसे लम्बे समय तक मुख्य मंत्री रहने का गौ

दुल्हन बिना दहेज़ की..

ये सातवे आसमान के तीसरे कसबे की मन गढ़ंत कहानी है॥ मल्लू नाम का एक व्यापारी रहता था। उसके बहुत दिनों के बाद एक संतान की उत्पति हुयी॥ उसका और उसके पत्नी का ख़ुशी का ठिकाना नहीं था। उस लडके का नाम उठल्लू रखा गया॥ लड़का धीरे -धीरे बड़ा होता चला तो उसका नाम स्कूल में लिखा दिया सेठ जीने वह पढाई के साथ-साथ शिव का बहुत बड़ा भक्त निकला अधिक समय उसका शिव पूजा में लीन रहता था। लेकिन वह अपने बाप के व्यापार में मदद नहीं करता था। इस बात को लेके सेठ चिंचित रहा करते थे॥ फिर सोचते थे कोई बात nahi धीरे धीरे सब ठीक हो जाएगा क्यों की वह अकेला ही वह उनके कुल का चिराग था। इस लिए सेठ जी अपने लडके को कभी कुछ नहीं कहते थे॥ वैसे भी लड़का सर्बगुन संपन्न था। उसे धीरे धीरे उसको दैवी शक्तिया भी प्राप्त होने लगी॥ इसकी चर्चा सातवे आसमान के हर कोने में फ़ैल गयी॥ एक दिन की बात है, अपने दोस्त की शादी में वह बाराती बन के गया था॥ वहा जो घटनाएं हुयी वह बहुत दर्दनाक थी । हुआ यूओ की दुल्हे तथा दुल्हे के परिजन वादे के मुताबिक दहेज़ न मिलाने से झगड़ रहे थे॥ और कह रहे थे की हम बरात वापस ले जायेगे अगर दहेज़ नहीं मिला तो॥ लड़क