छोटे और बड़े परदे पर कई ताजा चेहरे ऐसे हैं, जो महानगरों से नहीं बल्कि छोटे शहरों, कस्बों और गांवों से आए हैं। कुछ परिवार की मर्जी के खिलाफ तो कुछ घर वालों की मदद से। ब्यूटी शो, फिल्म, फैशन और टीवी में कम उम्र में दौलत और शोहरत हासिल कर रही ये युवतियां उदाहरण हैं कि समाज में परंपरावादी सोच किस तेजी से बदल रही है। हालांकि शुरुआत बहुत आसान नहीं है। दिल्ली की आंचल खुराना को एमटीवी के रोडीज का ऑडिशन देने के लिए अपने मां-पिता से झूठ बोलना पड़ा। समझा जा सकता है कि ऐसे में छोटे शहरों की लड़कियों को ग्लैमर की दुनिया में आने से पहले अपने परिजनों व आसपास के लोगों से किस तरह जूझना पड़ता होगा।गुजरात के एक गांव से मुंबई आईं निकिता रावल को लीजिए। अपने बूते नौकरी और पढ़ाई करते हुए वीनस के म्युजिक एलबम में दिखाई देते ही उन्हें फिल्म ‘गरम मसाला’ में मौका मिला। घरवाले भारी नाराज थे। लेकिन बेटी की जिद ने मां को बदल दिया। निकिता कहती है, ‘दूर बैठकर लोग भले ही बॉलीवुड के माहौल को कितना ही भला-बुरा क्यों न कहें, लेकिन हकीकत यह है कि एक कामयाबी लोगों की राय बदल देती है।’ अब मां अपने चार बच्चोंं के साथ सफ