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Showing posts from February 22, 2016

रवीश शायद सबसे जायदा आप डरे हुए है।

रवीश का ये आंदोलन अपने तरह का आंदोलन है जो हिडन पालिसी के तहत है लेकिन है जेएनयू और वामपंथ के समर्थन में ही। इन्हें सुधीर चौधरी के डीएनए से दिक्कत है क्योंकि डीएनए को देखने वाला एक बहुत बड़ा वर्ग तैयार हो चूका है। और डीएनए वामपंथ और राष्ट्रविरोधी तत्वों का पुरजोर विरोध कर रहा है। चाहे वो कश्मीरी पंडितों को लेकर जमीनी स्तर पर की गयी पत्रकारिता हो या कोई और मुद्दा। जेएनयू का किस्सा भी उन कश्मीर पंडितों की कहानी से जुड़ा मुद्दा ही है। सुधीर ने इस मुद्दे को बड़ी ही बारीकी से दर्शकों तक पहुँचाया है,इसलिए सुधीर चौधरी के विरोध कश्मीर की आज़ादी चाहने वालों का पहला उद्देश्य है। रवीश ने जेएनयू से जुड़े सभी वीडियो को फ़र्ज़ी ठहरा दिया,जेएनयू का विरोध का कर रहे सभी लोगों के स्टेटमेंट को गलत बताकर उन्हें गलत और पकिस्तान ज़िंदाबाद को सही ठहरा दिया। हो सकता है बीजेपी से जुड़े लोगों ने विरोध में उन शब्दों का चयन किया जो सही नहीं थे,लेकिन ये कतई नहीं है की ऐसा होना से उमर खालिद और कन्हैया बेगुनाह साबित हो जायेंगे। आप कहते है आपकी देशभक्ति को सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है,बताएंगे आखिरी बार देश का विरोध करने वालों

रवीश वामपंथ की आवाज़ है।

रवीश का ये आंदोलन अपने तरह का आंदोलन है जो हिडन पालिसी के तहत है लेकिन है जेएनयू और वामपंथ के समर्थन में ही। इन्हें सुधीर चौधरी के डीएनए से दिक्कत है क्योंकि डीएनए को देखने वाला एक बहुत बड़ा वर्ग तैयार हो चूका है। और डीएनए वामपंथ और राष्ट्रविरोधी तत्वों का पुरजोर विरोध कर रहा है। चाहे वो कश्मीरी पंडितों को लेकर जमीनी स्तर पर की गयी पत्रकारिता हो या कोई और मुद्दा। जेएनयू का किस्सा भी उन कश्मीर पंडितों की कहानी से जुड़ा मुद्दा ही है। सुधीर ने इस मुद्दे को बड़ी ही बारीकी से दर्शकों तक पहुँचाया है,इसलिए सुधीर चौधरी के विरोध कश्मीर की आज़ादी चाहने वालों का पहला उद्देश्य है। रवीश ने जेएनयू से जुड़े सभी वीडियो को फ़र्ज़ी ठहरा दिया,जेएनयू का विरोध का कर रहे सभी लोगों के स्टेटमेंट को गलत बताकर उन्हें गलत और पकिस्तान ज़िंदाबाद को सही ठहरा दिया। हो सकता है बीजेपी से जुड़े लोगों ने विरोध में उन शब्दों का चयन किया जो सही नहीं थे,लेकिन ये कतई नहीं है की ऐसा होना से उमर खालिद और कन्हैया बेगुनाह साबित हो जायेंगे। आप कहते है आपकी देशभक्ति को सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है,बताएंगे आखिरी बार देश का विरोध करने वालों