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Showing posts from July 10, 2009

नेपाल यात्रा - संजीव सलिल

भ्रष्ट अफसरों की तो मौजा ही मौजा..

आज के दैनिक जागरण के १ प्रष्ट पर लिखा है की भ्रष्ट अफसरों पर सीधा केस नही चलेगा। उसमे तो यहाँ तक भी लिखा है की दोषी अफसरों पर सीधे मुक़दमे नही चलाये जायेगे। इसके लिए सरकार से इजाजत लेनी ही पड़ेगी। अब ज़रा सोचिये की हमारे देश की क्या हालत है । कितने भ्रष्ट लोग और भ्रस्ताचार भरा है लोग kisase pareshaan केवल bhraShtaachaar से अब तो कोई भी साधारण आदमी भ्रष्ट अफसर और भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ कुछ भी नही कर पायेगा। इसके लिए उसे डर डर की ख़ाक छाननी पड़ेगी॥ फ़िर उस अफसर का बाल बांका नही होगा। क्यो की उसके लिए सरकार से इजाजत लेनी पड़ेगी । और वहा पर कौन होगा। भ्रष्टाचारी अफसर वह तो सरकार के मुख्या आदमी के पास पहुचने ही नही देगा। साड़ी दुनिया को पता है, की कोई भी सरकारी काम करवाने के लिए हमें घूंस देना पड़ता है, लेकिनहम उसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठाते थे। उसके भन्दा फोड़ देते थे। लेकिन अब क्या होगा॥ इसका मतलब तो यही हुआ की जनता को उल्लू बनाना। हमारी सरकार के जो नेता है, उन्हें ऐसा नही करना चाहिया। जनता के ही वजह से वे सरकार के अंग होते है, अगर ऐसा होगा। तो एक दिन बहुत बड़ा विनाश हो सकता हो । जो जनता , सरकार,दोनों

बजट पर कुछ पंक्तियाँ.

गाँवों में अब हो रहा पूँजी का हुड दंग सारे हिल - मिल लूटते करदाता है तंग .. करदाता है तंग करें अब क्या और कैसे मन को मोहे आज प्रणब की खूब लपूसें .. काले गोरे कोट पर हो गयी कर की मार सस्ती होती आज फिर मंहगी मंहगी कार मिला बहुत सा प्यार मिलेगा अब रोजगार मिलकर खाएं आज खोदते सड़कें यार...... सारांश यहाँ आगे पढ़ें के आगे यहाँ