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Showing posts from February 16, 2009

हे ईश्वर !!मैं किसे कम या बेशी आंकू...!!

हे ईश्वर !! मनुष्यता का भला चाहने वाले लोग इतने सुस्त और काहिल क्यूँ हैं.... जबकि इसी का खून करने वाले देखो ना कितनी मुस्तैदी से अपना काम निपटाया करते हैं....!! हे ईश्वर !! मनुष्यता....मनुष्यता...और मनुष्यता की बातें करने वाले सिर्फ़ बातें ही क्यूँ करते रह जाते हैं.... अगरचे इसी का हरण करने वाले दिन-रात इसका चीरहरण करते रहते हैं...!! हे ईश्वर !! मनुष्यता को सम्भव बनाने वाले लोग सदा यही क्यूँ सोचते रहते हैं कि मनुष्यता कायम करना बड़ा ही कठिन है... जबकि दरिंदगी से इसकी हत्या करने वाले कितनी सफलतापूर्वक अपना कार्य करते हैं....!! हे ईश्वर !! मनुष्य की जान बचाने वाले इतना डरते क्यूँ हैं कि अपने घर से बाहर ही नहीं निकलते.. किसी की जान बचाने के लिए अगरचे मनुष्य की जान लेने वाले... अपनी देकर भी किसी की जान ले लेते हैं....!! मैं अकसर ये सोचता हूँ कि मैं किसे कम या बेशी करके आंकू वो,जो सीधे-सीधे आदमी की जान लेकर आदमियत को बदनाम करते हैं.... या वो, जो आदमी की बाबत सिर्फ़ बतकही में व्यस्त रहते हैं....और सेमिनारों में जाम भरते हैं....!!??

किसी के पास है जवाब

अभी कुछ दिनों पहले एक स्कूल में रिपोर्टिंग के लिए जाने का मौका मिला.बहुत ही भव्य उस स्कूल में बास्केटबाल कोर्ट में टहल रहा था। अचानक देखा तो एक छोटी टेकरी पर बने प्राथनाघर में से नन्हे बच्चे बाहरआ रहे है। एक लाइन में चलते उन सुंदर बच्चो को देखकर मै जैसे अपने उन दिनों मे लौट गया जब मै ख़ुद एक अदद बच्चा हुआ करता था। बचपन के उन्मुक्त सुरक्षित समय को कौन भुला सकता है भला, सुरक्षित इसलिए क्यो कि मंद मंद बयार मे मैदान मे खेलते आपको मंदी का कोई भुत नही सताता। ना ही तितलियों को पकड़ते वक्त मालूम होता है कि हमारे पिता हमारे लिए बाहरी दुनिया से जूझ रहे है। मांगते समय हम ये भी नही देखते कि निर्दयी कैलंडर के सीने पर आखरी तारीख पापा का मुह चिडा रही होती है। बड़े होते जाना और बचपन को खोते जाना हर किसी की तक़दीर का फ़ैसला है। वो सुनहरे पल हमेशा के लिए यादो की किताब के हर्फ़ बन जाते है और हमारी उंगलिया उन्हें तभी टटोलती है जब हम जिन्दगी की किताब के आखरी बचे चंद पन्नो को हलकी होती स्याही से लिख रहे होते है। कभी सोचता हु की क्यो हम जीवन के आखरी दिनों मे बच्चे बन जाते है। किसी को मालूम है क्या.

आडवाणी को वेबसाइट के जरिए मिली धमकी

भाजपा के वरिष्‍ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को आतंकवादियों ने जान से मारने की धमकी है. आडवाणी की सुरक्षा में मुस्तैद हैं देश के सबसे उम्दा कमांडोंज़. इनकी सुरक्षा में हर वक्त जुट रहते हैं दर्जन भर से ज्यादा सुरक्षा जवान लेकिन आतंकवादियों को इनकी जबरदस्त सुरक्षा घेरा का भी खौफ नहीं. आतंकवादियों ने इन्हें भेजी है खुली धमकी औऱ वो भी मौत की.सूत्रों के मुताबिक भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी को आतंकवादी संगठन हरकत-उल-मुजाहिद्दीन के नाम से आई है मौत की धमकी और ये धमकी उनके निजी बेबसाइट पर ही पोस्ट कर गई थी.हालांकि जैसे ही धमकी भरा पोस्ट आडवाणी की बेबसाइट की देखरेख करने वालों की नजर में आया उसे बेबसाइट से हटा दिया गया लेकिन पूरे मामले का ब्यौरा ग़ृह सचिव औऱ खुफिया एजेंसियों को दे दिया गया है ताकि धमकी की असलियत की जांच हो सके और पता लगाया जा सके कि क्या वाकई कोई संगठन बीजेपी नेता आडवाणी की खून का प्यासा है. युवाओं को लुभाने, हाईटेक हुए आडवाणी आगे पढ़ें के आगे यहाँ

outoum

पतझड क्यों न आया तू मेरे जीवन में भी गिर जाते पात मेरे भी पुराने सूखे और कुछ नए. निकलती कोंपले, नई पत्तियां और शाखाएं भी । जीवन चला जा रहा है लगातार निरंतर एक सा क्या नही चाहिए परिवर्तन पतझड़ और झंझावात वृक्षों की तरह हमारे जीवन में भी प्रस्तुतकर्ता sameervatsa @in.com
अफजल गुरू को फासी नहीं देना? मुसलिम तुष्टीकरण? मुम्बई में बिहारियों पर हमला? अंतुले प्रकरण? भारतीय गरीबों की नुमाईस(राहुल गाँधी द्वारा)? अमरनाथ भूमि प्रकरण? नवीन चावला के मदद से? इन सब के बाद भी सायद काग्रेंस फिर सत्ता में आ जाये इससे शर्म की बात और क्या हो सकती है कि आज भारतीय राजनीति विकल्प विहीन हो गई है? एक तरफ चोर हैं तो एक तरफ डाकू? अब अकेला मै क्या कर सकता हूँ। कुछ लोग मुझमें कुछ ज्यादा ही इन्टरेस्ट ले रहे है,मेरा पता जनना चाहते हैं,मैने देश के लिये क्या किया जानना चाहते हैं।मै किस जाति का हूँ जानना चाहते हैं तो उनको मै बताना चाहता हूँ मै केन्द्रीय मन्त्री महावीर प्रसाद के लोक्सभा क्षेत्र बाँसगाँव का रहने वाला हूँ,मैने उनको सिर्फ पोस्टरों मे देखा है इस समय जो कत्ल के जुर्म में न्यायालय द्वारा दंडित हैं फिर भी मंत्री बने हुये हैं? झारखंड मुक्ति मोर्चा के सिबू सोरेन को इन्होंन्ने (कांग्रेस) ने इस्तिफा देने पर मजबूर कर दिया काग्रेस वाले होते ही हैं मक्कार?मीडिया भी सिर्फ भाजपा वालों को कोसता है।क्यों उनको मुसलिम व ईशाई मशिनरियों द्वारा फंड जो मिलता है?