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Showing posts from January 22, 2011

प्यारा सा संवाद

हर दम तो साथ - साथ रहता है ! जेसे हमसे  ही वो कुच्छ कहता है ! माँ भी तो हर दम जान जाती है ! इशारों - इशारों मै सब कुछ  बताती है ! जब वो थोडा और बड़ा होता है ! घुटनों के बल इधर - उधर डोलता है ! माँ का दम ही निकल जाता है , जब वो थोडा सा भी रोता है ! जब वो स्कूल को निकलता है ! माँ के पल्लू  से हरदम लिपटता है ! लगता है जेसे माँ से बिछड़ने का ........ हरदम उसे खोफ सा ही रहता है ! जब जवानी मै पांव वो रखता है ! यारों दोस्तों से जब वो मिलता है ! तब माँ के उस एहसास को...............  थोडा - थोडा सा अब वो खोने  लगता है ! अब माँ का आशीर्वाद फिर वो पाता है ! घर मै प्यारी दुल्हन ले के आता है ! उसके साथ रंग - बिरंगे सपने देख कर  फिर वो एक नया संसार बसाता  है !
क्या आज का सच यही है? एक शेर जो हम बहुत जोर-शोर से गाते हैं- "खुश रहो अहले वतन हम तो सफ़र करते हैं." क्या जानते हैं कि यूं तो ये मात्र एक शेर है किन्तु चंद शब्दों में ये शेर उन शहीदों के मन की भावना को हमारे  सामने खोल का रख देता है .वे जो हमें आजादी की जिंदगी देने के लिए अपनी जिंदगी कुर्बान कर गए यदि आज हमारे सामने अपने उसी स्वरुप में उपस्थित हो जाएँ तो शायद हम उन्हें एक ओर कर या यूं कहें की ठोकर मार कर आगे निकल  जायेंगे,कम  से कम मुझे आज की भारतीय  जनता को देख ऐसा ही लगता है.आप सोच रहे होंगे कि  ऐसा क्या हो गया जो मुझे इतना कड़वा सच आपके सामने लाना पड़ गया.कल का हिंदी का हिंदुस्तान इसके लिए जिम्मेदार है जिसने अपने अख़बार की बिक्री बढ़ाने के लिए एक ऐसे शीर्षक युक्त समाचार को प्रकाशित किया कि मन विक्षोभ से भर गया.समाचार था "ब्रांड सचिन तेंदुलकर ने महात्मा गाँधी को भी पीछे छोड़ा"ट्रस्ट रिसर्च एड्वयिजरी   [टी.आर.ऐ.]द्वारा किये गए सर्वे में भरोसे के मामले में सचिन को ५९ वें स्थान पर रखा गया है और महात्मा गाँधी जी को २३२ वें स्थान पर रखा गया है .सचिन हमारे देश का गौरव

jeevan karm

हर  सुबह नई आशा  के साथ जागो;  दिल में विश्वास रखो ऊपर वाले के प्रति; गिरो अगर तो गिरकर संभालो खुद को; जिन्दगी में जीत फिर तुम्हारी होगी! ये मत सोचो क्या खो दिया; रखो आशा कुछ पाने की; मत रो अपनी विफलता पर ; लिखो नयी इबारत कामयाबी की! संघर्षो की राह पर चलकर  ; मंजिल पालो सपनो की; गम की गर्मी में तपकर ही मिलेंगी सांसे राहत की! जीवन कर्म का स्थल है; आराम  यहाँ  कहाँ  करना  है; निज  प्रयास की क्यारी  को खुशियों  के फूलो   से  भरना  है !