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Showing posts from January 8, 2012

कुछ अनकही बाते ? , व्यंग्य: मेरी धड़कनमेरी धड़कनमॉंलौट रही थी खाली घड़ा लेक...

कुछ अनकही बाते ? , व्यंग्य: मेरी धड़कनमेरी धड़कन मॉं लौट रही थी खाली घड़ा लेक... : मेरी धड़कन मेरी धड़कन मॉं लौट रही थी खाली घड़ा लेकर मैं पलट रही थी भूगोल के पृष्ट... और खोज रही थी देश के मानचित्र पर नदियों का बहाव मॉं सा... सारांश यहाँ आगे पढ़ें के आगे यहाँ

कुछ अनकही बाते ? , व्यंग्य: कुछ तुम कहो कुछ मैं कहु |: एक वर्ष ने और विदा ली ए...

कुछ अनकही बाते ? , व्यंग्य: कुछ तुम कहो कुछ मैं कहु |: एक वर्ष ने और विदा ली ए... : कुछ तुम कहो कुछ मैं कहु |: एक वर्ष ने और विदा ली एक वर्ष आया फिर द्वार। : एक वर्ष ने और विदा ली एक वर्ष आया फिर द्वार। गए वर्ष को अंक लगाकर ... सारांश यहाँ आगे पढ़ें के आगे यहाँ

कुछ अनकही बाते ? , व्यंग्य: एक छलावा-सा

कुछ अनकही बाते ? , व्यंग्य: एक छलावा-सा : एक छलावा-सा 4 जुलाई 1942 को जन्मे कन्हैयालाल भाटी की अनुवादक के रूप में विशेष ख्याति रही है, मगर उनकी कहानियां भी कथ्य व शिल्प की दृष्टि से...