क्या कहें क्या पता !! कैसी ये आरजू ,क्या कहें क्या पता ! तेरे इश्क में हम, हो गए लापता !! चलते-चलते मेरी, गुम हुई मंजिलें जायेंगे अब कहाँ,क्या कहें क्या पता !! तेरे गम से मेरी,आँख नम हो गयीं कितने आंसू गिरे,क्या कहें क्या पता !! सुबो से शाम तक,ख़ुद को ढोता हूँ मैं जान जानी है कब,क्या कहें क्या पता !! नज्र कर दी तुझे,जिन्दगी भी ये मेरी करना है तुझको क्या,क्या कहें क्या पता !! उफ़ मैं भी "गाफिल"हूँ हाय बड़ा बावला ढूंढता हूँ मैं किसे,क्या कहें क्या पता !!