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Showing posts from March 2, 2011
सच कहा तो बुरा मान गये .... जयपुर के पत्रकार एक अख़बार में छपी उस खबर से नाराज़ हें जिसमे इस अख़बार ने सरकारी सुविधाएँ लेकर मजे करने वाले और सरकार के आगे दुम हिलाने वाले पत्रकारों की खिल्ली उढाई हे । जयपुर के एक देनिक अख़बार ने अपने मुख प्रष्ट पर प्रकाशित आलेख में पत्रकारिता के नाम पर चाटुकारिता और फिर भ्रस्ताचार के बाद भी खबरों को दबा देने और सरकार से विशिष्ठ सुविधाएँ प्राप्त करने वाले पत्रकारों का मजाक उड़ाया हे कहते हें के सच कडवा होता हे और इस लेख के प्रकाशन के बाद भी यही हुआ जयपुर के अखबार के कर्मचारी और कुछ मालिक इस सच से तिलमिला गये हें और इस मामले में सभी पत्रकारों ने जयपुर पिंक सिटी प्रेस क्लब में एक बैठक आयोजित कर इस खबर पर निंदा प्रस्ताव पारित किया हे , काश जयपुर के अखबार इस सच के छपने के बाद निंदा प्रस्ताव के स्थान पर खुद को सुधारने की शपथ लेते और खुद को सुधर कर अनुकरणीय उदाहरण पेश करते लेकिन चोरी और सीना जोरी बस इसी का नाम हे ........ । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मैं नहीं कह रहा हूँ ,प्रिंट मीडिया कह रही है -ब्लॉगिंग को सार्थक करती परिकल्पना

ब्लॉगिंग को सार्थक करती परिकल्पना "यदि आप ब्लॉग जगत के महत्व को नज़दीक से समझना चाहते हों और हिंदी ब्लोगिंग की दशा एवं दिशा को निरखना चाहते हों , तो परिकल्पना एक अपरिहार्य माध्यम के रूप में आपके सामने मौजूद है !" जी हाँ , आज हिंदी दैनिक जनसंदेश टाईम्स में "ब्लॉगवाणी" स्तंभ के अंतर्गत हुई है रवीन्द्र प्रभात जी की परिकल्पना और उनके द्वारा की गयी अविस्मरनीय पहल ब्लोगोत्सव-२०१ ० तथा वर्ष-२००७ से वर्ष-२०१० तक उनके द्वारा किये गए समग्र हिंदी ब्लॉग विश्लेषण की चर्चा .....! लीजिये आप भी अवलोकन कीजिये - सुमन loksangharsh
मकान खरीदने के चक्कर में तांत्रिक से ठगे गये जनाब मेरे एक खासमखास दोस्त जो बहुत जल्दी किसी पर भी भरोसा कर लेते हें जज्बाती हे प्यारे हें सभी से मोहब्बत करते हें और इसीलियें वोह कई बार लोगों के झासे में आ जाते हें हम उन्हें समझाते हें तो बस वोह अब हमसे कई बातें छुपाने लगे हें । मेरे यह दोस्त मेरे साथ ही पड़े लिखे हें साथ रहे हें शरारती भी हें जिद्दी भी हे नाम हे सय्यद मोहम्मद अली इनका निजी स्कुल हे और यह वकालत भी कर रहे हें निजी स्कुल का यह विस्तार करना चाहते थे इसलियें इन्हें नजदीक ही एक बिकने वाली काका जी की बिल्डिंग खरीदना थी बिल्डिंग पर बिकाऊ हे का बोर्ड लगा था इन जनाब ने जब बिल्डिंग खरीद की बात कही तो काका जी ने साफ़ शब्दों में कहा के भाई यह बिल्डिंग में किसी भी मुस्लिम को नहीं बेचूंगा लेकिन इस बिल्डिंग की स्कुल के विस्तार के लियें पडोस में होने जरूरत थी इसलियें वोह इसका मुह माँगा दाम देने को तय्यार थे लेकिन जब काका जी का फरमान सुना तो फिर मेरे इन दोस्त ने अपने हिदू भाई जांबाज़ दोस्तों को मकान खरीदने भेजा जिस मकान को वोह ५ लाख रूपये में बेच रहे थे अब वोह ६ से १२

मीडिया को संभलना होगा

  राही कुरैशी के शब्दों में-    सबको पहचान लिया,देख लिया जान लिया,    एक दिन खुद को भी आईने में देखा जाये."     अक्सर हम देखते हैं कि मीडिया में लगभग हर बड़ी हस्ती कटाक्ष की शिकार होती है .कटाक्ष भी ऐसे कि पढ़ते-पढ़ते पेट दुःख जाये किन्तु ऐसा लगता है   कि मीडिया खुद इन बड़ी हस्तियों की ख़बरों की आदी हो चुकी है   इनसे सम्बंधित कोई खबर न मिले तो मीडिया का काम ठप सा ही हो जाता है .ऐसी ही एक बड़ी हस्ती है  "गाँधी परिवार"और  ये गाँधी परिवार कुछ करता है  तो मीडिया परेशान कुछ न करे तो मीडिया परेशान  .आजकल वरुण गाँधी के विवाह की ख़बरों से समाचार पत्र भरे पड़े हैं.कभी यामिनी से शादी पक्की होने की खबर,कभी ताई सोनिया को आमंत्रित करने की खबर,कभी वाराणसी में मंडप सजने की खबर ,तो कभी प्रियंका के जाने की खबर,तो कभी राहुल के हड्डी टूटने के कारण जाने न जाने के कयास की खबर आखिर क्या आज के समाचार पात्र इतने खाली पेज रखते हैं कि इनके समाचारों से ही भरे जाते हैं फिर देश की अन्य समस्याओं के लिए मीडिया इन बड़ी हस्तियों को क्यों दोषी ठहरता है  जबकि "लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ "के रूप में ख
सांसद और मंत्री डोक्टर किरोड़ी बंदूक लेकर डकेतों से मुकाबला करने जंगलों में पहुंचे राजस्थान में दोसा के सांसद ,राजस्थान की सरकार को बनाने वाले मुख्य सूत्रधार और राजस्थान सरकार में खादी ग्रामोद्ध्योग मंत्री श्रीमती गोलमा देवी के पति निर्दलीय सांसद डोक्टर किरोड़ी मीणा ने राजस्थान में डकेतों से निपटने में सरकार को अक्षम बताया हे और खुद ही अपने साथियों के साथ बंदूके लेकर जंगलों में निकल पढ़े हें । सांसद किरोड़ी प्रति माह एक राजनीति और रचनात्मक राजनीति जिससे जनता उनसे जुड़ते हे करते रहे हें पहले भाजपा के दिग्गज कहलाने वाले जब भाजपा छोड़ कर निर्दलीय चुनाव लढे तो इनके प्रभाव से राजस्थान की १७ विधानसभा सीटें प्रभावित हुई हे और राजस्थान की सरकार बनाने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही हे इसी लियें आज किरोड़ी सरकार के बंगले में ही रहते हें पत्नी सरकार में मंत्री हे और राजस्थान सरकार के मंत्री के इसी बंगले में सरकार के खिलाफ सभी आन्दोलन की रणनीति बनाई जाती हे कभी बंद ,कभी धरना ,कभी रेली .कभी दंडवत रेली तो कभी कोई हंगामा किरोड़ी राजस्थान में चर्चा में रहते हें लेकिन आज वोह सरकार पर
क्या मनमाना फेसला देने वाले जज के खिलाफ कार्यवाही होना चाहिए हाल ही में गुजरात और पुरे देश को हिला देने वाली खतरनाक घटना गोधरा काण्ड के आरोपियों को फांसी और कुछ को ऊमर केद की सजा सुनाई गयी हे और कुछ को बरी कर दिया गया हे फेसला सही हे या गलत इस मामले में अपील न्यायालय इसकी जांच करेगी लेकिन जरा सोचो जिन मास्टर माइंड बनाये गये लगों को बरी किया गया हे अगर उन्हें हाईकोर्ट सजा के लायक मानता हे या जिन्हें सजा दी गयी हे उन्हें बरी के लायक मानता हे तो किया हाईकोर्ट अपने अधीनस्थ जज के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा यह एक सवाल हे जो देश की न्याय व्यवस्था और उससे ट्रस्ट लोगों के लियें महत्वपूर्ण बन गया हे । देश में कानून हे नीचे की अदालत अगर बरी करती हे तो उस के खिलाफ अपील होगी ,अगर नीचे की अदालत सज़ा देती हे तो हाईकोर्ट में अपील होगी और कई फेसले ऐसे भी होते हें जो हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जाकर उल्ट जाते हें या फिर बदल जाते हें जो लोग जेल में सिसकते रहते हें उन्हें सालों बाद बरी कर दिया जाता हे या जो लोग बाहर न्याय व्यवस्था का मखोल उड़ाते रहते हें उन्हें बाद में जेल भेज