देखा है मैंने हर मंज़र हँसना, खेलना, इठलाना तुम नन्हे क़दमों से दौड़ते हुए बाहर आती थी तुम्हारा प्यारा सा चेहरा और वो मीठी शैतानियाँ खिलखिलाती मुस्कान कैसे भूल जाऊं मैं गवाह हूँ मैं तेरी खुशियों तेरी ग़मों की कैसे भूल जाऊं मैं कल ही की तो बात थी जैसे चलना सीखा था तुमने तो भागती थी मेरी ही तरफ़ वो नन्हे कदम बढ़ते थे मेरी ओर फिर घर की ओर कैसे भूल जाऊँ मैं गवाह हूँ मैं तेरी खुशियों तेरी ग़मों की वो पहली बार जब मुझ पर गिरी थी तुम साईकिल से अपनी नौ साल की उम्र में चोट लगी थी तुमको, दर्द महसूस किया मैंने आंसू देखे थे तुम्हारी आँखों से बहते मैंने कैसे भूल जाऊँ मैं गवाह हूँ मैं तेरी खुशियों तेरी ग़मों की वो खेलना, वो दौड़ना, वो खिलखिलाना तेरा ऊँगली छोड़ कर बाहर की ओर भागना तेरा वो अल्हड वो मासूम सी चाहत तेरी आइसक्रीम वाले को रोकना और घरवालों से झगड़ना तेरा कैसे भूल जाऊँ मैं गवाह हूँ मैं तेरी खुशियों तेरी ग़मों की तुम्हारे पिता का दुलार, माँ का वो लाड वो भाइयों से लड़ना तेरा फिर प्यार से मनाना भी तेरा चलती साईकिल से गिरकर मुझ पर चोट खाना तेरा वो खो-खो, वो कबड्डी, वो छुपाछुपी का खेल तेरा कैसे भूल