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Showing posts from January 1, 2010

शुभ कामनाएं सभी को... संजीव "सलिल"

शुभ कामनाएं सभी को... संजीव "सलिल" salil.sanjiv@gmail.com divyanarmada.blogspot.com शुभकामनायें सभी को, आगत नवोदित साल की. शुभ की करें सब साधना,चाहत समय खुशहाल की.. शुभ 'सत्य' होता स्मरण कर, आत्म अवलोकन करें. शुभ प्राप्य तब जब स्वेद-सीकर राष्ट्र को अर्पण करें.. शुभ 'शिव' बना, हमको गरल के पान की सामर्थ्य दे. शुभ सृजन कर, कंकर से शंकर, भारती को अर्ध्य दें.. शुभ वही 'सुन्दर' जो जनगण को मृदुल मुस्कान दे. शुभ वही स्वर, कंठ हर अवरुद्ध को जो ज्ञान दे.. शुभ तंत्र 'जन' का तभी जब हर आँख को अपना मिले. शुभ तंत्र 'गण' का तभी जब साकार हर सपना मिले.. शुभ तंत्र वह जिसमें, 'प्रजा' राजा बने, चाकर नहीं. शुभ तंत्र रच दे 'लोक' नव, मिलकर- मदद पाकर नहीं.. शुभ चेतना की वंदना, दायित्व को पहचान लें. शुभ जागृति की प्रार्थना, कर्त्तव्य को सम्मान दें.. शुभ अर्चना अधिकार की, होकर विनत दे प्यार लें. शुभ भावना बलिदान की, दुश्मन को फिर ललकार दें.. शुभ वर्ष नव आओ! मिली निर्माण की आशा नयी. शुभ काल की जयकार हो, पुष्पा सके भा

ब्लॉगिंग पर किताब...ब्योरा चाहिए

सभी ब्लॉगर बंधु नए साल पर नई सूचना... हिंदी ब्लॉगिंग पर एक महत्वपूर्ण किताब का प्रकाशन हो रहा है. मार्च तक किताब प्रकाशित होने की पूरी संभावना है.  पुस्तक में शामिल करने के लिए कृपया ये जानकारी मुहैया कराएं. ब्योरा कृपया मेरे ई-मेल  chandiduttshukla@gmail.com  पर भेजें. अपना विवरण / परिचय फ़ोटो मूल व्यवसाय ब्लॉगिंग में चुनौती,  टिप्पणीकारों का महत्व आपकी नज़र में टॉप-10 ब्लॉग आपके ब्लॉग का विषय और लिंक... कहां से मिली प्रेरणा नए ब्लॉगर्स को आपका संदेश (इसके साथ कोई  शुल्क नहीं है ) महत्वपूर्ण 1. कृपया ई-मेल की सब्जेक्ट लाइन में ज़रूर लिखें.... blog-book : ( your name) जैसे- blog-book : chandiduttshukla 2. विवरण यूनिकोड में भेजें और इसके लिए तीन दिन का समय ही लें. पुस्तक में कुछ इनपुट जोड़ना बाकी रह गया है और किताब इसी माह के अंत में प्रोडक्शन के लिए चली जाएगी. -- एक अनुरोध और है. मेरे पास जितने ब्लॉगर्स का मेल आईडी है, मैं उन्हें तो सूचना भेज ही रहा हूं. यदि आपके परिचय सूत्र में कोई अन्य साथी हैं, तो उन्हें भी कृपया ये ई-मेल फारवर्ड कर दें. धन्यवाद, चण्डीदत्त शुक्ल टेलिवि

लो क सं घ र्ष !: कैसे मिले गरीब को रोटी

नव वर्ष के शुभारम्भ पर आज यह सोचने की आवश्यकता है कि लाखो - करोडो गरीब व्यक्तियों को रोटी कैसे मिले ? केंद्र सरकार द्वारा सस्ते दामों पर खाद्यान सार्वजानिक वितरण प्रणाली के तहत उपलब्ध कराया जाता है खाद्यान्न सरकारी एजेंसी से उठने के बाद सीधे सार्वजानिक वितरण प्रणाली की दुकान पर बिक्री हेतु जाना चाहिए लेकिन वस्तु स्तिथि यह है कि आपूर्ति विभाग के अधिकारियों , विपणन वाली सरकारी एजेंसी , पुलिस , प्रशासनिक अफसर , व्यापारी जिसमें फ्लोर मिल्स व राईस मिल्स के मालिकों का एक गठजोड़ बन गया है जिसके कारण विपणन एजेंसी से गेंहू या चावल फ्लोर मिल या राईस मिल को वापस हो जाता है और वह महंगे दामो पर बाजार में बिकने के लिए आ जाता है । आम आदमी को सरकार द्वारा प्रदत्त सस्ते खाद्यान्न उपलब्ध नहीं हो पाते हैं . गाँवों व शहरों में बहुत सारे परिवार भूखे पेट सो जाते हैं इस गठजोड़ के लोग लाखो और करोडो रुपये कमा रहे हैं । इस गठजोड़ ने स्थानीय स्तर पर पत्रकारों को भ