शुभ कामनाएं सभी को... संजीव "सलिल" salil.sanjiv@gmail.com divyanarmada.blogspot.com शुभकामनायें सभी को, आगत नवोदित साल की. शुभ की करें सब साधना,चाहत समय खुशहाल की.. शुभ 'सत्य' होता स्मरण कर, आत्म अवलोकन करें. शुभ प्राप्य तब जब स्वेद-सीकर राष्ट्र को अर्पण करें.. शुभ 'शिव' बना, हमको गरल के पान की सामर्थ्य दे. शुभ सृजन कर, कंकर से शंकर, भारती को अर्ध्य दें.. शुभ वही 'सुन्दर' जो जनगण को मृदुल मुस्कान दे. शुभ वही स्वर, कंठ हर अवरुद्ध को जो ज्ञान दे.. शुभ तंत्र 'जन' का तभी जब हर आँख को अपना मिले. शुभ तंत्र 'गण' का तभी जब साकार हर सपना मिले.. शुभ तंत्र वह जिसमें, 'प्रजा' राजा बने, चाकर नहीं. शुभ तंत्र रच दे 'लोक' नव, मिलकर- मदद पाकर नहीं.. शुभ चेतना की वंदना, दायित्व को पहचान लें. शुभ जागृति की प्रार्थना, कर्त्तव्य को सम्मान दें.. शुभ अर्चना अधिकार की, होकर विनत दे प्यार लें. शुभ भावना बलिदान की, दुश्मन को फिर ललकार दें.. शुभ वर्ष नव आओ! मिली निर्माण की आशा नयी. शुभ काल की जयकार हो, पुष्पा सके भा