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Showing posts from August 4, 2009

बोलो आज आओ गे की कल आओ गे॥

परदे के सहारे सरमाया न करो॥ बार बार मुह बिचकाया न करो॥ बोलो आज आओ गी की कल आओ गी॥ बोलो......................................... लड़का :) लड़की :( बार बार देख कर मुस्काया न करो॥ पीछे मेरे आया न करो॥बोलो आज आओ गे की कल आओ गे॥ तिरक्षी तिरक्षी बात तुम बनाया न करो॥ बार बार आँखों से टकराया न करो॥ बोलो आज आओ गी की कल आओ गी॥ लड़का॥:( लड़की॥:) बार बार उल्लू बनाया न करो॥ प्रेम वाले मोड़ पर टकराया न करो॥ बोलो आज आओ गे की कल आओ गे॥