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Showing posts from February 15, 2009

और अब एहसास .................आरती "आस्था"

१८.०९.२००७   यह सही है कि हर किसी को उसकी पात्रतानुसार ही मिलता है ,मिलना भी चाहिये. लेकिन प्यार देने के लिए पात्रता का ध्यान नहीं रखा जाना चाहिये | हो सकता है आपका प्यार उसे पात्र बना दे | २८.१०.२००७  जिंदगी इम्तहान नहीं केवल इम्तहान लेती है और अगर आपके अन्दर सफल होने के लिए अपेक्षित जुझारूपन, धैर्य और समझ नही है तो पक्का मानिये आप खोएंगे और इस हद तक खोएंगे कि एक दिन आपके पास खोने के लिए भी कुछ नहीं बचेगा |   ०८.११.२००७ यथार्थ से यथार्थवादी इंसान किसी न किसी से कहीं न कहीं भावनात्मक रूप से जुदा जरूर होता है |  २९.११.२००७  हमारे बहुत से निर्णय हमारी मन:स्थिति पर निर्भर करते हैं | २८.०७.२००८ जिसकी जिंदगी में आप कोई महत्व नहीं रखते वह भी आपकी उपेक्षा से आहत होता है | ०१.१२.२००८ कोई भी  दो इंसान एक- दुसरे के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण नहीं हो सकते | ११.१२.२००८ जब अन्दर  शान्ति होती है तो बहार शोर अच्छा नहीं लगता है | और जब अन्दर शोर होता है तो बहार कि शान्ति झेलना बहुत मुश्किल हो जाता है | १७.१२.२००८   जिदगी के सच के सामने दुनिया के सारे सच बेमानी होते हैं |   १८.१२.२००८  बहुत बार वाही लो