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Showing posts from November 26, 2011

कब se

कुछ गीत है मेरे कल के ... कुछ मीत है मेरे पल के ॥ वे खुसी रहे हरदम । मै दुआ हूँ करता रब से ... गीत मुझे आनंदित करते ॥ मीत मेरा दुःख हारते है ... साथ साथ दोनों रहते है ॥ मेरा कहना करते है ... उनसे मिलता हूँ । मौक़ा मिलते ही तब से ...