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Showing posts from February 18, 2009

न्योता, छतीसगढ के सभी भाडासियो को ....मतलब जोर से कहो, खुल के कहो...

जय जय छतीसगढ कि दरअसल CG4भड़ास.com हम लोगों के लिए एक ऐसी जगह है जहां पर लगता है कि हम सभी अपने दिल की भाषा में बात कर सकते हैं । वो जो चीजें हम हर रोज आस पास देखते या महसूस करते हैं पर कह नहीं पा रहे हैं। वो बातें जो किसी से कहना चाहते हैं लेकिन किससे कहे कोई सुनता ही नही हैं । तो लीजिए सदस्य बनिये CG4भड़ास.com का, यह मंच आप सभी के विचरों का इंतजार कर रहा हैं जहाँ कोई भी दस्तक दे सकता है और अपनी भड़ास निकाल सकता जिसका सम्बन्ध छत्तीसगढ, जनता , अधिकारी या फ़िर आप हम सभी में से किसी से हो। हा .... भड़ास तो देने का मंच है। मुक्ति देने का, सहजता देने का, सरसता देना का, एकजुटता देने का....दिशा देने का। सो भेज रहा हूं न्योता,सभी छत्तीसगढ के चाहने वाले को कि भड़ासी बनिए....मतलब जोर से कहो, खुल के कहो...जय छत्तीसगढ की , आओ बनाएं एक बेहतर छतीसगढ । इस बार वाकई हम सभी भड़ासी छतीसगढ के विकास के लिए एक नई क्रांति की बुनियाद रखने वाले हैं, वो है सूचना और जानने की क्रांति का अधिकार का। हर रोज छत्तीसगढ में इतनी सारी चीजें हो रही हैं कि उन्हें बताने वाला कोई नहीं है। छत्तीसगढ के सभी ऑनलाइन, आंफ़लाइन और

अमरकंटक में दुर्वासा ऋषि की गुफा

विनय बिहारी सिंह अमरकंटक मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में है। वहां कपिल मुनि का आश्रम तो है ही, वह गुफा भी है जिसमें दुर्वासा ऋषि ने तपस्या की थी। इसी जगह का नाम दूध धारा है। यहां नर्मदा एक पतली पहाड़ी नदी के रूप में है। उसका पानी जहां झरने जैसा गिरता है, दूध की तरह दिखता है। कपिल मुनि के आश्रम के पास नर्मदा नदी खूबसूरत झरने जैसी गिरती है। इसे कपिलधारा कहते हैं। यहां का दृश्य अत्यंत नयनाभिराम है। सचमुच अमरकंटक ऋषियों की तपस्या स्थली है। वहीं तीन दिन पहले दुर्वासा ऋषि की गुफा में भी मुझे जाने का मौका मिला। वहां एक शिवलिंग है, जिस पर न जाने कहां से लगातार बूंद- बूंद करके पानी गिरता रहता है। शायद नर्मदा नदी भगवान शिव की अराधना करती है। वहां से हटने की इच्छा नहीं हो रही थी। नर्मदा नदी के पवित्र जल में पैर धोकर मैं दुर्वासा ऋषि की गुफा में गया। वहां घनघोर शांति का अनुभव होता है। यूं तो दुर्वासा ऋषि क्रोधी के रूप में प्रसिद्ध हैं लेकिन उनकी गुफा में ऐसी शांति पा कर मुझे लगा कि कई बातें सुनी- सुनाई भी हैं। अगर उनमें क्रोध होता तो उनकी गुफा इतनी प्रेम और शांति के साथ वाइब्रेट कैसे होती। कपिल मु

संसद पर हमला करने वाले भी मुसलिम

मैं यहाँ पर आपको logic के बारे में विस्तार से नहीं बताने जा रहा बल्कि मै इसके एक भाग के बारे में जो मै जानता हूँ बताने जा रहा हूँ।practical phylosophy के दो ब्रान्च होते हैं इथिक्स व लाजिक ।ये दोनो अपने आप में पढ़ाये जाने वाले कालेज के कोर्स हैं,मै बस थोडा सा बताने जा रहा हूँ।लोजिक के भी दो ब्रान्च होते हैं,epistemology and dialectics मै दोसरे प्रकार को समझाने जा रहा हूँ क्योंकि यह हमें सोचने के सही तरीके के बारे में बताता है।dialectics के तीन भाग होते हैं1-simple apprehension2-judgment3-reasoning1-simple apprehension-इसका मतलब होता है किसी बात के बारे में बस उपरी तौर पर जानना जैसे, यह एक पेन है। यह एक आम है इत्यादि?2-judgment-इस तक पहुँचने के लिये दो simple apprehension की आवश्य्क्ता होती हैजैसे- यह एक पेन है(simple apprehension) यह लाल है(simple apprehension) judgement यह एक लाल पेन है।॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑॑