नई दिल्ली/भोपाल. यदि आप यह सोचते हैं कि केवल अंग्रेजी बोलने से ही आपको सम्मान मिलेगा तो आप शायद गलत हैं। दैनिक भास्कर डॉट कॉम के देश के १७ शहरों में कराए गए सर्वे में 65 फीसदी लोगों ने यह विचार व्यक्त किए। हिंदी दिवस पर कराए गए इस सर्वे ने आम हिंदुस्तानी के मन में बरसों से बैठी इस मान्यता को ध्वस्त कर दिया है कि केवल फर्राटेदार अंग्रेजी बोलना ही कहीं भी आपको सम्मान दिलाने की गारंटी बन सकता है। हालांकि, सर्वे में चौंकाने वाली यह बात भी निकल कर आई है कि 70 फीसदी लोग विभिन्न सरकारी और निजी कामों के दौरान भरे जाने वाले फॉर्म में हिंदी का विकल्प होने के बावजूद अंग्रेजी का इस्तेमाल करते हैं। दिल्ली, मुंबई लखनऊ के अलावा मप्र, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा में हुए इस सर्वे में 2170 से अधिक लोगों ने भागीदारी की। इसी तरह एक अन्य प्रश्न के जवाब में अधिकांश लोग बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए उच्च शिक्षा में भी हिंदी को एक विषय के रूप में रखने के पक्ष में हैं। 57 फीसदी लोगों ने इसमें सहमति जताई है जबकि 25 फीसदी लोग हिंदी को प्राइमरी स्कूल तक ही रखने के पक्ष में हैं। मीडिया पर हिंदी को विकृत करने के आरोप