शुभ लाभ हमारा दर्शन नही है , लेकिन ज्योति पर्व दीपावली पर शुभ लाभ का महत्त्व सबसे ज्यादा है इसी कारण हमारी समाज व्यवस्था में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए है । जिसके कारण मानव ही खतरे में पड़ गया है। इस त्यौहार को मनाने के लिए लाभ को ही शुभ मानने वाले लोगो ने नकली खोया , मिठाइयाँ , घी , खाद्य तेल सहित तमाम सारी उपभोक्ता वस्तु बाजार में लाभ के लिए बेच रहे है। बिजनौर जनपद में 95 कुंतल सिंटेथिक खोया व उससे बनी मिठाइयाँ बरामद हुई है । बस्ती जनपद में 4 कुंतल मिठाई , 5 कुंतल खोया रोड वेज की बस में लोग छोड़ कर भाग गए । इस तरह से पूरे उत्तर प्रदेश में लाभ के चक्कर में लाखों कुंतल खोया , मीठा , नमकीन , खाद्य पदार्थ को बेचा जा रहा है जिसका दुष्परिणाम यह है कि लोगों को मधुमेह , दिल , गुर्दा , पथरी , कैंसर जैसी लाइलाज बीमारियाँ हो रही है और लोग अकाल मृत्यु मर रहे है । भारतीय समाज का दर्शन मानव कल्याण का दर्शन था । इसके साथ