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Showing posts from February 6, 2009

श्री राम सेना की दिल्ली इकाई का एलान ......पुरी दिल्ली में घूमेगी श्री राम सैनिकों की १५ टुकडियां .

श्री राम सेना ने एलान किया है कि "दिनांक १४ फ़रवरी को उनके सैनिको की१५-२० टुकडी पुरे दिल्ली में घूमेगी । पार्कों , रेस्तराओं, इंडिया गेट , कुतुब मीनार , पुराना किला समेत हर उस जगह पर जहाँ प्रेमी युगल के जाने की सबसे अधिक संभावना होती है , श्री राम सेना के राष्ट्र्रक्षक और संस्कृति रक्षक कार्यकर्त्ता मौजूद रहेंगे । पाश्चात्य नग्नता के अनुकरण में लिप्त जोडों के फोटो खींच ऑरकुट पर डालने की योजना है ताकि बगैर मर-पिट के सामाजिक बहिष्कार के डर से ऐसे उत्तर आधुनिक युवा संभल सकें । साथ ही श्री राम सेनाने किसी प्रकार कि छेड़खानी या अश्लील हरकत करने वालों को भी चेतावनी दी है। अगर कोई महिला या लड़की श्री राम सेना के हेल्प लाइन पर संपर्क कर किसी प्रकार की शिकायत करती है तो सेना उस पर उचित और त्वरित कार्यवाही करेगी ।" ये सारी बातें श्री राम सेना के दिल्ली प्रभारी से बात -चीत के दौरान कही । अब आगे का नाटक देखना है कि मीडिया के सहयोग से क्या -क्या गुल खिलता है !

सच्ची धार्मिकता क्या है ?

नंगे घूमना मेरा व्यक्तिगत अधिकार हो सकता है पर यदि इससे समाज में अन्य लोगों को हानि हो रही हो तो उनकी खातिर मुझे अपने इस अधिकार को अपने बैडरूम तक सीमित कर लेना चाहिये - यही मेरा धर्म है।  यह ठीक उसी प्रकार से है कि फुल वॉल्यूम पर गाना सुनना मेरा मूलभूत अधिकार होगा पर अगर मेरे पड़ोस में बच्चे बोर्ड की परीक्षाओं में व्यस्त हैं तो मुझे अपने इस अधिकार में कटौती करनी होगी।  तभी मैं अच्छे पड़ोसी का धर्म निभा पाऊंगा ।  यदि हम धर्म - अधर्म की , कर्तव्य - अकर्तव्य की विश्व की इस प्राचीनतम परिभाषा को समझ लें , हृदयंगम कर लें तो हम पुनः एक बार सही मार्ग पर चल निकलेंगे। पर समस्या ये है कि हमारे पाठ्यक्रम में यह शिक्षा कहीं है ही नहीं ।  और तो क्या कहें , धर्म का पाठ पढ़ाने को अपनी जीविका बनाने वाले पंडितों , पुरोहितों , कथा-वाचकों , शिक्षा-शास्त्रियों को भी यह जानकारी देने की आवश्यकता है , ऐसा मेरा अनुभव है।   Sushant K. Singhal Blog : www.sushantsinghal.blogspot.com email : info@sushantsinghal.com               singhal.sushant@gmail.com  

केवट ने राम से कहा- पारिश्रमिक नहीं लूंगा

विनय बिहारी सिंह जब भगवान राम वनवास के लिए जा रहे थे तो रास्ते में एक नदी पड़ी। वहां मौजूद केवट तो धन्य हो गया। धन तो उसने बहुत कमाया था। आज वह चीज मिलने वाली थी, जिसके लिए बड़े- बड़े संत तरसते हैं। केवट राम जी को देख कर निहाल था। उन्हें स्पर्श कैसे करे? आमतौर पर होता है कि बड़ा आदमी नाव पर बैठता है और केवट चप्पू चला कर पार उतार देता है। लेकिन यहां तो केवट चरण स्पर्श का सुख चाहता था। उसने कहा- मैंने सुना है, आपका स्पर्श पाते ही पत्थर भी स्त्री बन जाता है। कहीं मेरी नाव भी स्त्री न बन जाए। इसलिए इसे मैं पवित्र जल से धो देना चाहता हूं। भगवान राम मुस्कराए। वे उसकी चालाकी समझ रहे थे। लेकिन केवट तो प्रेम में रोए जा रहा था। उसने जी भर कर चरण धोए। चरणामृत अपने परिजनों को दिया और नदी पार करा दी। लेकिन जब पार उतारने का पारिश्रमिक देने की बात आई तो उसने कहा कि एक ही पेशे के लोग एक दूसरे से पारिश्रमिक नहीं लेते। राम जी ने कहा- तुम्हारा औऱ मेरा पेशा एक कैसे है? केवट बोला- मैं बताता हूं। मैं नदी पार कराता हूं और आप भक्तों को भवसागर पार कराते हैं। मैं आपसे पारिश्रमिक नहीं लूंगा। राम जी ने सीता जी क

स्कूली बच्चों को पोर्न, ड्रग्स, शराब का चस्का

स्कूली बच्चों को पोर्न, ड्रग्स, शराब का चस्का नई दिल्लीआज के बच्चे अपनी उम्र के हिसाब से वक्त से पहले ही बड़े होने लगे हैं, इसे पश्चिमी सभ्यता का असर कहें या फिर तथाकथित आधुनिकता की दौड़, दिल्ली के कई टॉप स्कूलों के बच्चे, लड़के हो या लड़कियां पोर्न (अश्लील) फिल्में देखने, ड्रग्स लेने और शराब पीने के मामले में बिल्कुल नहीं झिझकते हैं। लड़कियों से आगे लड़के एक निजी हैल्थकेयर कंपनी के प्रमुख मनोचिकित्सक डॉ. समीर पारिख द्वारा किए एक सर्वे में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इस सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक पोर्न साइट देखने और उसे लेकर स्कूल में बातचीत करने के संबंध में 26 फीसदी लड़के मॉड्रेट जबकि 21 फीसदी हाई कैटेगरी में दर्ज हुए। करीब 24 फीसदी लड़कियां मॉड्रेट जबकि 5 फीसदी हाई कैटेगरी में दर्ज हरुई। यह सर्वे दिल्ली के टॉप स्कूलों के एक हजार बच्चों (541 लड़के और 429 लड़कियों) पर किया गया। सर्वे में ज्यादातर लड़के-लड़कियों ने उन वेब साइट्स को विजिट करने की बात भी कबूली जो उनकी उम्र के लिए बनी ही नहीं थीं। शराब पीना खुलकर कबूला इन बच्चों के बीच कभी कभार स्कूल में होने वाली पार्टियों में ड्रग्स क

मेरी तस्वीर को सीने से लगाता क्यूँ है ?

मुझसे ना मिलने की कसम खाता क्यूँ है ? मेरी तस्वीर को सीने से लगाता क्यूँ है ? अनदिखा सा रहता है क्यूँ मुझको यारब और लोगों से मिरा दीदार कराता क्यूँ है ? वक्त मरहम है,दिल को तसल्ली देता है,गर तो फ़िर वो हमें खंजर चुभाता क्यूँ है ? दिल को मेरे भी जरा तपिश तो ले लेने दे साए से मेरे धुप चुरा कर ले जाता क्यूँ है ? हश्र तक भी जो पूरे ना हों ऐसे मिरे यारब सपने हम सबको दिखाता है,दिखाता क्यूँ है ? तेरे चक्कर में घनचक्कर हुआ हूँ मैं "गाफिल" मेरी मर्ज़ी के खिलाफ मुझे चलाता क्यूँ है ? ००००००००००००००००००००००००००००००००००० ००००००००००००००००००००००००००००००००००० एक बात तो बता अ दोस्त...... तुझे प्यार करना अच्छा लगता है...... या नफरत करना..........?? धत्त....... ये भी भला कोई पूछने की बात है..... प्यार करना.....और क्या....!! क्यूँ....अ मेरे दोस्त ?? क्यूंकि प्यार से ही दुनिया.... दुनिया बनी हुई रहती है.....!! हुम्म्म्म्म्म्म्म बस मेरे दोस्त..... मुझे तुझसे यही पूछना था....!!