कपकपाती ठण्ड में जो कभी ठहरा नहीं चिलचिलाती धूप में जो कभी थमा नहीं गोलियों की बौछार में जो कभी डरा नहीं बारूदी धमाकों से जो कभी दहला नहीं अनगिनत लाशों में जो कभी सहमा नहीं फर्ज के सामने जो कभी डिगा नहीं आंसुओं के सैलाब से जो कभी पिघला नहीं देश के आन ,मान ,शान में मिटने से जो कभी पीछे हटा नहीं ऐसे वीर जवानों को शत -शत नमन ।।