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Showing posts from January 22, 2013

ये है भारत का वो इकलौता गांव, जिसके पास है देश का तिरंगा बनाने का लाइसेंस

63 गणतंत्र का साक्षी बना भारत देश इस महीने 26 जनवरी को 64वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है। इस खास मौके को लेकर  dainikbhaskar.com  एक स्पेशल सीरीज चला रहा है। पाठकों को संविधान, गणतंत्र और तिरंगे से जुड़ी रोचक जानकारियां देंगे। इस सीरीज के पहले दिन  आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि देश की शान तिरंगा आखिर बनता कैसे है? क्यों भारत के सिर्फ एक ही शहर को तिरंगा बनाने का अधिकार दिया गया है। साथ ही हम आपको बताएंगे कि किन-किन प्रक्रियाओं से गुजरकर आप तक पहुंचता है तिरंगा। 26 जनवरी को गांव के प्रधान से लेकर देश के प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति तक सभी झंडा रोहण करते हैं। हम सभी भी अपने घरों पर शान से झंडा फराते हैं। ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड द्वारा राष्ट्रध्वज को तैयार करने के तीन दस्तावेज जारी किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि सभी झंडे खादी के सिल्क या कॉटन के होंगे। झंडे बनाने का  मानक 1968 में तय किया गया जिसे 2008 में पुन: संशोधित किया गया। तिरंगे के लिए नौ स्टैंडर्ड साइज तय किए गए हैं। सबसे बड़ा झंडा 21 फीट लंबा और 14 फीट चौड़ा होता है।   सबसे पहले बैंगलुरू से लगभग 550 किमी