सेना के प्रति हमारी भावनाएं जुडी रहती हैं। देश के अधिकांश लोग सैनिको को अत्याधिक सम्मान की नजर से देखते हैं किन्तु सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद कर्नल एम . पी सिंह ने चोरो का एक गिरोह बनाकर मध्य प्रदेश राजस्थान से नयी - नयी गाड़ियाँ चोरी करवा कर इंजन व चेसिस नंबर में बदलाव कर चंडी गढ़ , हैदरबाद , दिल्ली और लुधियाना में बेचने का काम कर रहे थे । कर्नल साहब जब सेना में रहे होंगे तो अपनी कारगुजारियो से बाज नहीं आये होंगे । इनके अधिकांश ग्राहक भारतीय सैन्य अधिकारी हैं जिसमें कुछ लोगो ने चोरी की खरीदी हुई करें वापस भी कर दी हैं। भारतीय कानून व्यवस्था के अनुसार चोरी का सामान खरीदना अपराध है। सेना का मामला है वह कुछ भी करे सब ठीक है सामान्य नागरिक ने यदि यही कारें खरीदी होती तो वह जेल की हवा खा रहे होते। यही फर्क है सेना और सामान्य नागरिक में। आज भी सेना के उच्च पदस्थ अधिकारी सेवानिवृत्ति के बाद दिल्ली में नोर्थ या साउथ ब्लाक में देखे जा सकते हैं