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Showing posts from May 18, 2010

लो क सं घ र्ष !: कर्नल साहब का नया रोजगार बंद

सेना के प्रति हमारी भावनाएं जुडी रहती हैं। देश के अधिकांश लोग सैनिको को अत्याधिक सम्मान की नजर से देखते हैं किन्तु सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद कर्नल एम . पी सिंह ने चोरो का एक गिरोह बनाकर मध्य प्रदेश राजस्थान से नयी - नयी गाड़ियाँ चोरी करवा कर इंजन व चेसिस नंबर में बदलाव कर चंडी गढ़ , हैदरबाद , दिल्ली और लुधियाना में बेचने का काम कर रहे थे । कर्नल साहब जब सेना में रहे होंगे तो अपनी कारगुजारियो से बाज नहीं आये होंगे । इनके अधिकांश ग्राहक भारतीय सैन्य अधिकारी हैं जिसमें कुछ लोगो ने चोरी की खरीदी हुई करें वापस भी कर दी हैं। भारतीय कानून व्यवस्था के अनुसार चोरी का सामान खरीदना अपराध है। सेना का मामला है वह कुछ भी करे सब ठीक है सामान्य नागरिक ने यदि यही कारें खरीदी होती तो वह जेल की हवा खा रहे होते। यही फर्क है सेना और सामान्य नागरिक में। आज भी सेना के उच्च पदस्थ अधिकारी सेवानिवृत्ति के बाद दिल्ली में नोर्थ या साउथ ब्लाक में देखे जा सकते हैं

लो क सं घ र्ष !: ब्लॉग उत्सव 2010

सम्मानीय चिट्ठाकार बन्धुओं, सादर प्रणाम, आज दिनांक 14.05.2010 को परिकल्पना ब्लोगोत्सव-२०१० के अंतर्गत पन्द्रहवें दिन प्रकाशित पोस्ट का लिंक- विश्व के हर देश में फलित है ये हिंदी ब्लॉग जगत : रेखा श्रीवास्तव http://www.parikalpnaa.com/ 2010/05/blog-post_16.html विवेकानंद पाण्डेय की देश के अमर सपूतों की श्रद्धांजलि में अर्पित एक कविता http://utsav.parikalpnaa.com/ 2010/05/blog-post_9688.html जब भी वो मुझसे टकराती है मुझे याद दिलाना नहीं भूलती : शेफाली पांडे http://www.parikalpnaa.com/ 2010/05/blog-post_1313.html सुनील गज्जाणी की कुछ कविताएँ http://utsav.parikalpnaa.com/ 2010/05/blog-post_292.html उसके होंठों पर पुती हुई लिपस्टिक की लाली देर शाम तक बरकरार रहती है http://www.parikalpnaa.com/ 2010/05/blog-post_17.html यशवन्त मेहता " यश " की कविता : किसकी महिमा हो तुम http://utsav.parikalpnaa.com/ 2010/05/blog-post_5676.html उसका पति उसे अकेले बाहर न