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Showing posts from December 11, 2010

मै ऊब चुका हूँ...

धुल भरी आंधी आयी है॥ कुछ दिन के लिए मै सो गया हूँ॥ टूट पड़े गम बदली॥ सादे कपडे में भीग चुका हूँ॥ अच्छे दिन फिर आ जायेगे॥ मै भी लिखूगा हर पल को॥ लेकिन आया जो पल है ये॥ इस पल से मै ऊब चुका हूँ...
कोन जज भ्रष्ट हे , यह पब्लिक हे सब जानती हे देश में कोन जज कितना भर्स्ट हे और कोन कितना ईमानदार हे , यह पब्लिक हे सब जानती हे अंदर क्या हे बाहर क्या हे सब जानती हे जी हना यह किसी फ़िल्मी गाने की लाइन या डायलोग नहीं हे बलके देश की सुप्रीम कोर्ट की टिप्प्प्नी हे जो उन्होंने देश की एक इलाहाबाद हाईकोर्ट की याचिका की सुनवाई के दोरान की हे । दोस्तों पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के जज मार्कड काटजू पर श्रीमती ज्ञान सुधा मिश्रा ने अपने एक फेसले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फ़सलों में गंदगी और भ्रस्ताचार की बदबू देख कर सर पकड़ लिया था और टिप्पणी की थी के देश की कुछ न्यायालय आज अंकल सिड्रोम के दोर से गुजर रहे हें और इलाहाबाद हाई कोर्ट में वकील और जज के नापाक रिश्ते आम हो गये हें , सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी से इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज तिलमिला गये और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एक पुनर्विचार याचिका दायर कर इस टिप्पणी को निकालने की मांग की बस इस याचिका की सुनवाई के दोरान इलाहाबाद हाई कोर्ट के वकील साहब के तर्क सुन कर सुप्रीम कोर्ट के जज काटजू आप खो बेठे और कहने लगे के वकील साहब देश की

पूजा हो या नमाज़

पूजा या नमाज़ कायम करो ..... जिसकी पूजा या नमाज़ सच्ची तो उसकी जिंदगी अच्छी , जिसकी जिंदगी अच्छी उसकी म़ोत अच्छी जिसकी म़ोत अच्छी उसकी आखेरत अच्छी जिसकी आखेरत अच्छी उसकी जन्नत पक्की तो जनाब इसके लियें करो पूजा या नमाज़ सच्ची । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान