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Showing posts from December 21, 2008

मंदिर और मस्जिद के नाम पर लड़ बैठे

शाम होते ही गाँव के मंदिर की घंटी बंजने लगी तभी उसके समीप मस्जिद मे मगरिब की अजान होने लगी! अजान की आवाज़ मंदिर की घंटी से दबने लगी ! अगले ही दिन सुबह मुल्लाजी ने अपने ख़ास लोगों से चर्चा करके एक लाउड स्पीकर लगवा दिया ,अगले दिन मंदिर की घंटियों की आवाज़ से दबने लगी तो मंदिर मे भी लाउड स्पीकर लग गया!अब दोनों आवों मे गडमड होने लगी !!अब न मंदिर की आवाज़ आ रही थी न ही मस्जिद की !!! सिर्फ बातावरण मे एक सर व्याप्त था !!

और उसे बेजान समझकर काट दिया गया !!

किसी के बहकाने पर एक दिन पेड़ ने पत्तों से कहा, 'तुम बहुत घमंडी हो गए हो और भूल गए हो की तुम्हारा अस्तित्व मेरी ही कृपा से जिन्दा है!' काफी दिन गुजर गए उस पेड़ पर पत्ते नहीं हुए !तब उस पेड़ को बेजान और सूखा जानकार जड़ से काट दिया गया ! । पत्ते कुछ देर खामोश रहे फिर बोले, 'ऐसा नहीं है! हमारे बिना आपका भी अस्तित्व अधुरा है, यदि आप असहमत है तो हम आप से दूर हो रहे है!'इतना कहकर पत्ते एक एक करके पेड़ से गिरने लगे और पेड़ के पास एक भी पत्ता नहीं बचा ,काफी दिन गुजर गए उस पेड़ पर पत्ते नहीं हुए !तब उस पेड़ को बेजान और सूखा जानकार जड़ से काट दिया गया !

हमारी औकात नहीं जो हम

वेंगसरकर साहब आप को आराम करना चाहिये आप टीम इन्डिया का बहुत (अ)हित कर चुके।मेरे ख्याल से सचिन ,द्रविड़ ,गांगुली जैसे महान खिलाडियों पर कमेन्ट कर के पेपरोंमें जगह बनाना आसान है।शायद इसी लिये जिसे देखो वही भोकने लगता है।एक महान खिलाडी़ दूसरे के लिये क्या कहता है देखें, अभी दिवार मजबूत है द्रविड़ जल्द वापसी करेंगे(सौरव गांगुली) सौरव जानते हैं,और वह अपमान सह चुके हैं।हमारी औकात नहीं जो हम द्रविड़ पर कमेन्ट कर सकें ,इस समय उन्हें हमारे सहयोग की आवस्यक्ता है (किर्ती आजाद) मुझे समझ में नहीं आता भईया लोग व्यस्त कार्यक्रम का रोना रोते हैं आप को याद होगाअभी हाल ही में धोनी( लकी ) श्रीलंका दौरे के समय आराम फरमा रहे थे।फिर द्रविड, सचिन,गांगुली,लक्ष्मण को टेस्ट से क्यों निकाला जा रहा है।भैया आप ५०-५०,२०-२० खेलो आप को आराम भी मिल जायेगा।ये ठीक आप का लक इस समय साथ दे रहा है पर ध्यान रखियेगा इन्डिया की पब्लिक जितनी तेजी से सर पर चढ़ाती है उतनी तेजी से उतारती भी है।