काफी समय से देखने में आ रहा है की ''हिन्दुस्तान का दर्द''पर प्रकाशित पोस्टों पर पाठक एवं सदस्य की जो पैनी नजर हुआ करती थी वो कही खो गयी है,क्योंकि जिस तरह की विषय सामग्री पर हम बहस करते थे एक नतीजे पर पहुँचते थे ,उस प्रकार के विषय पर पाठकों की प्रतिक्रिया बुझी बुझी सी नजर आ रही है जबकि अन्य हलकी पोस्टों पर बात की जा रही है... हमारा मकसद है चर्चा करना अपने विचार रखना तो अपने विचार जरुर दें वो सकारात्मक हो तो अच्छा और नकारात्मक हो तो उससे अच्छा कुछ भी नहीं हो सकता.आपके विचार नए एवं पुराने सभी लेखकों को होंसला देते है,जिनके होंसले से बनता है हिन्दुस्तान का दर्द..... जय हिन्दुस्तान-जय यंगिस्तान संजय सेन सागर हिन्दुस्तान का दर्द के समर्थक ध्यान दें