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Showing posts from April 26, 2010

लो क सं घ र्ष !: ब्लॉग उत्सव 2010

सम्मानीय चिट्ठाकार बन्धुओं, सादर प्रणाम, आज दिनांक २६ .०४.२०१० को ब्लोगोत्सव-२०१० के अंतर्गत प्रकाशित पोस्ट का लिंक ब्लोगोत्सव - २०१० : हम व्यस्क कब होंगे ? http://www.parikalpnaa.com/ 2010/04/blog-post_25.html चिट्ठाकारिता ने हमें एक नया सामाजिक आस्वादन दिया है http://www.parikalpnaa.com/ 2010/04/blog-post_1872.html हिन् ‍ दी ब् ‍ लॉगिंग की ताकत को कम करके आंकना बिल् ‍ कुल ठीक नहीं है : अविनाश वाचस्पति http://utsav.parikalpnaa.com/ 2010/04/blog-post_26.html आईये हिंदी ग़ज़ल की विकास यात्रा पर एक नजर डालते हैं .. http://www.parikalpnaa.com/ 2010/04/blog-post_26.html मानवीय सर्जना का नवोन्मेष है यह ..... गिरीश पंकज http://utsav.parikalpnaa.com/ 2010/04/blog-post_9083.html हम लेकर आये हैं आज निर्मला जी की कुछ और गज़लें http://www.parikalpnaa.com/ 2010/04/blog-post_2935.html अपनी बात : हिन्दी ग़ज़ल की विकास यात्रा प र http://utsav.parikalpnaa.com/ 2010/04/blog-post_6880.

लो क सं घ र्ष !: तुम जो कहो वह सब सही, हम जो कहें वह सब गलत

अम्बेडकर जयन्ती समारोह के दौरान गोण्डा में बसपा के मंच पर पार्टी के पदाधिकारी हनुमान शरण शुक्ला की सरेआम हत्याकर दी गई। इसी के बाद पार्टी की ओर से बढ़ चढ़ कर सफाई अभियान शुरू हुआ। मज़े की बात यह है कि इसके लिये प्रमुख सचिव ग्रह कुवंर फतेह बहादुर तथा डी0 जी0 पी0 करम वीर सिंह मैदान में उतर गये और प्रेस-कान्फ्रे़न्स में इस प्रकार बोले जैसे पार्टी-प्रवक्ता बयान दें। उन्हों ने मृतक के संबंध में कहा कि वह न तो बसपा का सदस्य था और न ही वह पार्टी की किसी समिति से जुड़ा था, वह हिस्ट्रीशीटर था, उसकी हत्या रंजिश में की गई। जब यह सवाल हुआ कि बसपा से नहीं जुड़ा था और तो मंच पर कैसे बैठा था ? और हथियार बंद लोग मंच तक कैसे पहुँचे ? इन के उत्तरों के लिये अधिकारी-गण बग़लें झांकने लगे। अब दुसरा बयान मृतक की पत्नी पंचायत सदस्य मंजु देवी तथा पु़त्री प्रियंका शुक्ला का देखिये-पत्नी ने बताया कि वे बसपा ब्राह्मण भाई चारा समिति के तरब गंज विद्यान सभा क्षेत्र के अघ्यक्ष थे, उनको यह जिम्मेदारी दी गई थी कि वे ब्राह्मण समाज को बसपा के पक्ष में एकजुट करें। यह भी बताया की वह जयन्ती के मौके़ पर तीन सौ