सम्मानीय चिट्ठाकार बन्धुओं, सादर प्रणाम, आज दिनांक २६ .०४.२०१० को ब्लोगोत्सव-२०१० के अंतर्गत प्रकाशित पोस्ट का लिंक ब्लोगोत्सव - २०१० : हम व्यस्क कब होंगे ? http://www.parikalpnaa.com/ 2010/04/blog-post_25.html चिट्ठाकारिता ने हमें एक नया सामाजिक आस्वादन दिया है http://www.parikalpnaa.com/ 2010/04/blog-post_1872.html हिन् दी ब् लॉगिंग की ताकत को कम करके आंकना बिल् कुल ठीक नहीं है : अविनाश वाचस्पति http://utsav.parikalpnaa.com/ 2010/04/blog-post_26.html आईये हिंदी ग़ज़ल की विकास यात्रा पर एक नजर डालते हैं .. http://www.parikalpnaa.com/ 2010/04/blog-post_26.html मानवीय सर्जना का नवोन्मेष है यह ..... गिरीश पंकज http://utsav.parikalpnaa.com/ 2010/04/blog-post_9083.html हम लेकर आये हैं आज निर्मला जी की कुछ और गज़लें http://www.parikalpnaa.com/ 2010/04/blog-post_2935.html अपनी बात : हिन्दी ग़ज़ल की विकास यात्रा प र http://utsav.parikalpnaa.com/ 2010/04/blog-post_6880.