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Showing posts from March 30, 2009

अल्ला रे क्या हूँ मैं.....??

अल्ला रे क्या हूँ मैं......?? अपनी ही धून में गम हूँ मैं बस थोड़ा सा गुमसुम हूँ मैं !! मुझसे तू क्या चाहता है यार अरे तुझमें ही तो गुम हूँ मैं !! बस गाता ही गाता रहता हूँ कुछ सुर हूँ,कुछ धून हूँ मैं !! याँ से निकलकर कहाँ जाऊं आज इसी उधेड़बून में हूँ मैं !! जागने और सो जाने के बीच किसी और की ही रूह हूँ मैं !! अल्ला रे मेरा क्या होगा यार कि ख़ुद तो मैं हूँ ना तुम हूँ मैं !! "गाफिल"मुझे इतना तो बता मैं अकेला हूँ कि हुजूम हूँ मैं !!

कभी सोचता हूँ की मैं कुछ कहूँ

कभी सोचता हूँ की मैं कुछ कहूँ कभी सोचता हूँ की मैं चुप रहूँ आप से कहूँ या किसी के बाप से कहूँ या देश के बिगडे हालत से कहूँ जेल से कहूँ या हवालात से कहूँ अपने पत्र से कहूँ या ब्लॉग से कहूँ मन से कहूँ या दिल से कहूँ वेग में कहूँ या आवेग में कहूँ देश से कहूँ या वेश से कहूँ समता से कहूँ या ममता से कहूँ सपा से कहूँ या बसपा से कहूँ भाजपा से कहूँ या काग्रेस से कहूँ लालू से कहूँ या पासवान से कहूँ सैतान से कहूँ या इंसान से कहूँ चटका लगा कर आगे पढ़े.....

विकल्पहीन नही है दुनिया

पप्पू यादव ऊपर लिखे गए पोस्ट पर जी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि " क्या इनका कोई विकल्प नही है ?" पेश है इसका जवाब -------- कपिला जी निराशा की नही बल्कि जाग्रति की बेला है । किशन पटनायक की एक किताब पढ़ी थी पिछले दिनों " विकल्प हीननही हैं दुनिया "। वाकई ये दुनिया विकल्पों से परिपूर्ण है । पर , इस मामले मैं प्रथमदृष्टया कोई विकल्प नही दिखता । हम अक्सर सत्ता परिवर्तन को विकल्प मानने की भूल करते हैं जो जे.प आन्दोलन में भी हुआ । आज व्यवस्था परिवर्तन की जरुरत है ............. लोग प्रयास रत है । यह कम वैसे भी एक दिन में संभव नही है । किसी भी बदलाव के पीछे लम्बी पृष्ठभूमि तैयार करनी पड़ती है । कुछ अच्छे लोग सक्रीय राजनीति में आयें और बांकी अपने अपने जगहों से भागीदारी निभाए सारी समस्या धीरे-धीरे ख़त्म हो जाती । जरा गौर से देखें तो यह सब भी एक दिन में बैठे-बिठाये नही हुआ है । भ्रस्ताचार व अपराधीकरण का दीमक वर्षो में जाकर इस लोकतंत्र को खोखला करने में सफल हो पाया है । उसी प्रकार समय के हिसाब से सब ठीक होगा . आज देश एक नए लोकतान्त्रिक जागरण की मांग कर रहा है । हम में से कुछ

ऐसे फनकार बिरले पैदा होते है....

आज मेहदी हसन की याद आ रही है .... सोच रहा हूँ ,ऐसे फनकार बिरले पैदा होते है.....अपने इलाज के लिए भी उन्हें पैसे पैसे के लिए तरसना पड़ रहा है , यह देख नई पीढी क्यों गजल गायन या शास्त्रीय संगीत में रूचि दिखायेगी . फिर पत्ता बूटा बूटा जैसी गजलों को अपनी आवाज़ के जादू से यादगार बनाने वाले 82 साल के हसन गरीबी से इस कदर जूझ रहे हैं कि उनके इलाज के लिए भी पूरा बंदोबस्त नहीं हो पा रहा है।दुनिया भर के उनके प्रशंषकों को इलाज के लिए पैसे जुटा कर भेजने चाहिए । पाकिस्तानी या भारतीय सरकार को भी मदद करनी चाहिए । वह फेफड़ों के संक्रमण के कारण पिछले डेढ़ महीने से कराची के आगा खान यूनिवर्सिटी अस्पताल में भर्ती हैं। राजस्थान के लूना में जन्मे हसन नौ बरस पहले पैरलाइसिस के चलते मौसिकी से दूर हो चुके है । अन्तिम समय में यह दिन भी देखना पड़ रहा है । क्यों किसी फनकार के पास इतना भी पैसा नही होता जिससे वह अपना जीवन सुखमय बिता सके ।

देखो नेता आ रहे है,

देखो नेता आ रहे है, लोग फूल बरसा रहे है// सबसे हाथ मिला रहे है, लोगन माला पहना रहे है,, कोई कोई हाथ हिला रहे है, कोई तली बजा रहे है// कोई नारा लगा रहे है, जनता सब चिल्ला रही है// नेता भाषण सुना रहे है, जनता का फुस्लाय रहे है// प्यार का उपदेश सुना रहे है, लोगन का फसा रहे है/// अबकी हमका जीते दिया आपण जिनगी बनाय लिया// देशवा का उन्नत करवाय दिया आपण काम बनाय लिया// बच्चे गीत सुने रहे है नेता जी मुसकाय रहे है,, यहाँ से जीत जब जायेगे जल्दी वापस न आयेगे// जब वोट पराने को आए तो नेता जनता का फुसलाये// पैसा खूब कमाय रहे है, लोगन फूल बरसे रहे है,,

पगलवा कई prem

ई मर्द के महत्वाकांक्षा तू भाप न पौलू साए म वादा के के चंपत भैलू दाग लागौलू माथे माँ तू दुसरे के बाह पाकर लहालू हम रास्ता तोहरी ताकत बातें ई कौन शास्त्र माँ लिखा बा प्रिये वादा कई के छोर दिया मन्दिर माँ इतनी कसम खेलु धागा बंधिव हाथे माँ माला तोहरे नाम के हम जपत रहे दिन रात या तो तू अब आय जेबू,, या हम देबय आपण जान//

संवेदनाए शून्य, नैतिकता शर्मसारः एक नजर..

विशेषः इस कलयुगी समाज में सारे रिश्तों का ताना-बाना बिगड़ता ही जा रहा है। कहा जाता था कि लड़कियां खुली तिजोरी के समान होती हैं और घर ही उनके लिए सबसे सुरक्षित जगह है। मगर अब लड़कियां अपने ही घर में महफूज नहीं हैं। आए दिन हम बाप का बेटी से बलात्कार करना, शारीरिक संबंध स्थापित करना व अन्य प्रकार की प्रताड़नाए होने की घटनाओं से रूबरू होते हैं। इस तरह की घटनाएं हमें यह सोचने पर मजबूर कर देती हैं कि कल का सभ्य समाज आज किस दिशा में जा रहा है। क्या सभी रिश्तों की सीमाएं टूट गई हैं, संवेदनाएं शून्य हो गई हैं या फिर इंसान अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। इस घोर कलयुग में जहां बाप-बेटी में शारीरिक संबंध स्थापित होने की खबर लगतार बढ़ती ही जा रही है वहीं दूसरी तरफ अब मां का रूप सामने निकलकर आ रहा है। एक मां ने अपने सगे बेटे के प्रति आकर्षित होकर उसे ही शारीरिक संबंध बनाने का प्रस्ताव दे डाला। पिछले कुछ दिनों से प्रकाश में ऐसे-ऐसे मामले आए हैं जिन पर सोचकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। आईए डालते हैं कलयुगी मां-बाप के काले कारनामों पर एक नजर... अमीर बनने के लिए बेटियों का शार

स्टार न्यूज़ के कार्यक्रम "कहिये नेताजी" में पप्पू यादव के बयान से हंगामा

बिहार के बाहुबली सांसद पप्पू यादव अपराधीकरण के आरोप लगाने वालों पर जम कर बरसे । कल शाम स्टार न्यूज़ के कार्यक्रम" कहिये नेताजी " में बिन बुलाये मेहमान पप्पू यादव से एंकर ने अपराधीकरण से जुड़े कई सवाल दागे तो बस उन्होंने हंगामा खड़ा कर दिया ।आपराधिक मामलों में सजायाफ्ता पप्पू यादव आज कल जमानत पर चल रहे हैं । " कहिये नेताजी " के लिए स्टार न्यूज़ की टीम भागलपुर पहुँची थी । भागलपुर के ऐतिहासिक संडिस कम्पाउंड में कार्यक्रम के दौरान लोगों की भारी भीड़ थी । कार्यक्रम में भाजपा से निशिकांत दुबे , राजद से शकुनी चौधरी और लोजपाके स्थानीय नेता को बुलाया गया था । सप्रंग गठबंधन के सवाल पर लोजपा और राजद खेमे ने चुप्पी साध ली । भागलपुर से जोर-आजमाइश कर रहे शकुनी चौधरी ने बोलना शुरू किया तो मौजूद लोगों ने विरोध किया । एक मतदाता ने पूछा - शकुनी जी पिछले उपचुनाव में हरने के बाद २.५ साल तक कहाँ थे ? लगे हाथों दुबे ने भी स्वस्थ्य का मुद्दा उठाने में देर नही की । गौरतलब हो कि लालू के जंगल राज में शकुनी चौधरी स्वास्थ्य मंत्री थे । आरोप -प्रत्यारोप और जनता के सवालों का दौर अभी चल ही रहा था

पप्पू यादव के बयान से कार्यक्रम में हंगामा

बिहार के बाहुबली सांसद पप्पू यादव अपराधीकरण के आरोप लगाने वालों पर जम कर बरसे । कल शाम स्टार न्यूज़ के कार्यक्रम" कहिये नेताजी " में बिन बुलाये मेहमान पप्पू यादव से एंकर ने अपराधीकरण से जुड़े कई सवाल दागे तो बस उन्होंने हंगामा खड़ा कर दिया ।आपराधिक मामलों में सजायाफ्ता पप्पू यादव आज कल जमानत पर चल रहे हैं । " कहिये नेताजी " के लिए स्टार न्यूज़ की टीम भागलपुर पहुँची थी । भागलपुर के ऐतिहासिक संडिस कम्पाउंड में कार्यक्रम के दौरान लोगों की भारी भीड़ थी । कार्यक्रम में भाजपा से निशिकांत दुबे , राजद से शकुनी चौधरी और लोजपाके स्थानीय नेता को बुलाया गया था । सप्रंग गठबंधन के सवाल पर लोजपा और राजद खेमे ने चुप्पी साध ली । भागलपुर से जोर-आजमाइश कर रहे शकुनी चौधरी ने बोलना शुरू किया तो मौजूद लोगों ने विरोध किया । एक मतदाता ने पूछा - शकुनी जी पिछले उपचुनाव में हरने के बाद २.५ साल तक कहाँ थे ? लगे हाथों दुबे ने भी स्वस्थ्य का मुद्दा उठाने में देर नही की । गौरतलब हो कि लालू के जंगल राज में शकुनी चौधरी स्वास्थ्य मंत्री थे । आरोप -प्रत्यारोप और जनता के सवालों का दौर अभी चल ही रहा था